
इंटरनेशनल वुमंस डे यानी महिला दिवस पर गूगल ने दुनिया भर की महिलाओं के लिए एक खास डूडल बनाया है. इस डूडल में दुनिया भर की महिला लेखकों, विचारकों और किसी खास क्षेत्र में अपनी पहचान बनाने वाली महिलाओं के कोट्स इंट्रिकेट डिजाइन्स के साथ शेयर किए गए हैं.
ये रहे वो सारे कोट्स, जो गूगल ने इस डूडल के लिए कई देशों की महिला लेखकों, तकनीकी के क्षेत्र में काम कर रही या खेल जगत में पहचान रखने वाली महिलाओं के हवाले से इकट्ठा किया है-
कभी दूसरों की मानसिक संकीर्णता की वजह से खुद को सीमित मत करिए- अमेरिकन एस्ट्रोनॉट और फिजिशियन डॉ मे जेमिसन.
जब उड़ सकते हैं, तो पैरों की क्या जरूरत है?- फ्रीडा काल्हो, मैक्सिकन आर्टिस्ट.
अपने अंतर्मन के सबसे ऊंची सच्चाई के अलावा किसी को भी खुद को बांधने मत दीजिए- एमा हरवेग, जर्मन लेखिका.
अगर आप अकेले कोई सपना देखते हैं तो वो बस सपना रहता है. साथ में सपना देखते तो वो हकीकत बन जाता है- योको ओनो, जापानी मल्टीमीडिया आर्टिस्ट.
हम इतने अनमोल हैं कि निराशा कभी दिलो-दिमाग में भी नहीं आनी चाहिए- एनएल बेनो ज़ेफाइन, इंडियन डिप्लोमैट.
बस इसलिए कि तुम एक औरत हो, ये मत कहो कि तुम कमजोर हो- मैरी कॉम, इंडियन बॉक्सर.
मैं भविष्य के विचार में सच में बहुत ज्यादा विश्वास करती हूं- ज़ाहा हदीद, ब्रिटिश-इराकी आर्किटेक्ट.
साहस हर जगह साहस को ही बढ़ाता है- मिलिसेंट फॉसेट, ब्रिटिश लेखिका और एक्टिविस्ट.
पंख तभी तक आजादी की निशानी हैं, जब तक उड़ान भरें, वरना बोझ बन जाते हैं- मरीना त्स्वेतेवा, रूसी कवियित्री
भविष्य अतीत की अपेक्षा ज्यादा सुंदर अर्थों में सामने आ सकता है- जॉर्ज सैंड, फ्रेंच नॉवेलिस्ट.
किसी भी शख्स के पास अगर एक सपना भी है तो उसके पास मजबूत होने की एक वजह है- सानमाओ, चीनी मूल की ताइवानी लेखिका.
मैं मायने रखती हूं. बराबर तौर पर. ‘काश’ और ‘जब तक कि’ नहीं, मैं मायने रखती हूं. फुल स्टॉप- चिमामांडा अडीची, नाइजीरियन राइटर.