नई दिल्ली: पाकिस्तान में कराची स्टॉक एक्सचेंज (Karachi Stock Exchange) पर सोमवार को हुए आतंकी हमले की जिम्मेदारी बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी ने ली है. मिली जानकारी के अनुसार, हमले के वक्त बंदूकधारी काले रंग की कार में आए. इनमें से दो बंदूकधारी पार्किंग क्षेत्र तक पहुंचने में कामयाब हो गए. इसके बाद गोलीबारी शुरू हो गई और अधिकारियों-व्यापारियों ने अंदर भागकर अपनी जान बचाई.
एक घंटे तक चली गोलाबारी में सभी चार बंदूकधारी मारे गए. बाद में कराची स्टॉक एक्सचेंज के एक निदेशक ने मीडिया के सामने बयान दिया.
ये भी पढ़ें: Kamya Punjabi भी गुजर चुकी हैं डिप्रेशन की दौर से, ठीक होने में लग गए थे इतने साल
निदेशक ने कहा, “मुख्य द्वार पर दो आतंकवादी मारे गए, जबकि तीसरा आतंकवादी सेंटर गेट पर और चौथा आतंकवादी स्टॉक एक्सचेंज बिल्डिंग के मुख्य प्रवेश द्वार पर मारा गया.”
हमले के कुछ घंटे बाद बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी (B.L.A.) ने हमले की जिम्मेदारी ली. यह एक ऐसा ग्रुप है जो काफी समय से स्वतंत्र बलूचिस्तान की मांग उठाता रहा है.
पाकिस्तान में चीनी निवेश को बना रहा निशाना
पिछले कुछ समय से यह समूह पाकिस्तान में चीनी निवेश को टारगेट कर रहा है, 2018 में इसने कथित तौर पर कराची में चीनी वाणिज्य दूतावास को उड़ाने की कोशिश की थी.
इसके बाद पिछले साल (Balochistan Liberation Army) ग्रुप ने ग्वादर में एक पांच सितारा होटल पर हमला किया था, जिसकी फायनेंसिंग चीन द्वारा की गई है.
पाकिस्तानी स्टॉक एक्सचेंज पर किया गया हमला भी चीनी निवेश को टारगेट करने के लिए था.
Video from inside the Pakistan Stock Exchange building – intense firing can be heard pic.twitter.com/7xxYW92nHo
— omar r quraishi (@omar_quraishi) June 29, 2020
चीन का पाकिस्तानी शेयर बाजार में बड़ा निवेश
बता दें कि एक चीनी कंसोर्टियम ने पीएसएक्स में 40 फीसदी हिस्सेदारी हासिल कर ली थी. पिछले साल चीनी निवेशक पाकिस्तानी शेयर बाजार में दो बिलियन डॉलर तक निवेश करने पर विचार कर रहे थे.
बी.एल.ए. चीन की बेल्ट एंड रोड पहल का कड़ा विरोध करता है. उसमें भी खासतौर पर उसे बलूचिस्तान में निवेश से उसे सख्त आपत्ति है. इसके चलते जिस दिन से प्रोजेक्ट्स की घोषणा की गई थे, उस दिन से बलूचिस्तान ने दुनिया का ध्यान आकर्षित किया है.
गौरतलब है कि एक प्रांत के रूप में बलूचिस्तान लंबे समय से संघर्ष कर रहा है. प्राकृतिक संसाधनों में सबसे अमीर होने के बावजूद इस प्रांत में सबसे कम डेवलपमेंट हुआ है. बलूचिस्तान की दौलत का पाकिस्तान भरपूर इस्तेमाल किया है. यहां पाक सेना दमन का क्रूर अभियान चलाती रही है.