Thursday, April 18, 2024
HomeNationBankers said that reducing the repo rate of the Reserve Bank will...

Bankers said that reducing the repo rate of the Reserve Bank will help the economy – बैंकरों ने कहा, रिजर्व बैंक के रेपो दर घटाने से अर्थव्यवस्था को मिलेगी मदद

बैंकरों ने कहा, रिजर्व बैंक के रेपो दर घटाने से अर्थव्यवस्था को मिलेगी मदद

केंद्रीय बैंक ने कर्ज की किस्तें चुकाने में तीन महीने की और राहत दे दी

नई दिल्ली:

बैंकों से जुड़े शीर्ष कार्यकारियों और विशेषज्ञों ने रिजर्व बैंक द्वारा रेपो दर में 0.40 प्रतिशत की कटौती करने के निर्णय का शुक्रवार को स्वागत किया. उन्होंने कहा कि इस कदम से सुस्त पड़ती अर्थव्यवस्था को सहारा मिलेगा. रिजर्व बैंक ने अप्रत्याशित कदम उठाते हुये शुक्रवार को रेपो दर में 0.40 प्रतिशत की कटौती की. केंद्रीय बैंक ने कर्ज की किस्तें चुकाने में तीन महीने की और राहत दे दी. इसे अब बढ़ाकर 31 अगस्त 2020 तक कर दिया. इसके साथ ही आरबीआई ने बैंकों के लिये कॉरपोरेट को कर्ज देने की सीमा उनकी नेटवर्थ के मौजूदा 25 प्रतिशत के स्तर से बढ़ाकर 30 प्रतिशत कर दी है. रिजर्व बैंक गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि रेपो दर में 0.40 प्रतिशत की कटौती की गयी है और यह दर अब चार प्रतिशत पर आ गयी है, जो कि 2000 के बाद का इसका निचला स्तर है. 

भारतीय स्टेट बैंक के चेयरमैन रजनीश कुमार ने कहा, ‘‘सरकार और आरबीआई का पूरा प्रयास अर्थव्यवस्था को वृद्धि की पटरी पर वापस लाना है। इसके साथ ही सरकार और रिजर्व बैंक का प्रयास उन चुनौतियों की पहचान करने का भी है, जिनके कारण उद्योगों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है. रेपो दर में कमी, कर्ज की किस्तें चुकाने में राहत अवधि का विस्तार और कॉरपोरेट कर्ज की सीमा में वृद्धि… ये सारे उपाय अर्थव्यवस्था को उबारने की दिशा में मददगार हैं.” उन्होंने कहा कि ये सारे उपाय कोरोना वायरस महामारी के कारण उत्पन्न व्यवधानों के कारण सामने आयी स्थिति की उचित प्रतिक्रिया है. 

स्टैंडर्ड चार्टर्ड बैंक इंडिया के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) जरीन दारूवाला ने कहा, “रिजर्व बैंक ने असाधारण प्रतिबद्धता के साथ कोविड-19 के खिलाफ अपनी लड़ाई को जारी रखा है. रेपो दर में नयी कटौती, मोरेटोरियम में विस्तार जैसे कदम अर्थव्यवस्था को अपेक्षित बल प्रदान करेंगे. ”सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया के प्रबंध निदेशक (एमडी) एवं सीईओ पल्लव महापात्रा ने कहा, “यह एक अच्छा निर्णय है. ऋण भुगतान स्थगन के विस्तार की आवश्यकता थी, क्योंकि लॉकडाउन पूरी तरह से नहीं हटाया गया है.”इंडियन बैंक की एमडी एवं सीईओ पद्मजा चंदुरु ने कहा, “जो पैसा ब्याज और किस्त के रूप में भुगतान किया जाना था, वह अब लोगों के लिये अतिरिक्त कार्यशील पूंजी का काम करेगा। यह बड़ी राहत है.”

बैंक ऑफ बड़ौदा के मुख्य अर्थशास्त्री समीर नारंग के अनुसार, आरबीआई के पास नीतिगत दर में 0.25 प्रतिशत की अभी और कटौती की गुंजाइश है, क्योंकि वित्त वर्ष 2020-21 में सकल घरेलू उत्पाद में 4.7 प्रतिशत गिरावट और खुदरा मुद्रास्फीति 3.5 प्रतिशत रहने के अनुमान हैं. यस बैंक के वरिष्ठ अर्थशास्त्री विवेक कुमार ने कहा कि आउटपुट में नकारात्मक अंतर और अपस्फीति के दबावों के जोर के बीच रेपो दर में 0.50 प्रतिशत की एक और कटौती की गुंजाइश है. 


Source link

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

RECENT COMMENTS