जबलपुर -साल 2017 में हुए भोपाल-उज्जैन ट्रेन ब्लास्ट मामला,नाबालिग आतंकी को लेकर मध्य प्रदेश हाई कोर्ट का बड़ा फैसलाआरोपी को वयस्क मानकर जुवेनाइल कोर्ट में ही चलेगा मुकदमासाल 2017 में भोपाल-उज्जैन पैसेंजर ट्रेन में हुए विस्फोट के मामले में NIA ने की थी नाबालिग की गिरफ्तारीभोपाल जिला अदालत ने मध्य प्रदेश हाई कोर्ट में भेजा था रेफरेंसनाबालिग आतंकी के मामले की सुनवाई के लिए अदालत के चयन को लेकर एमपी हाई कोर्ट से मांगा गया था मार्गदर्शनट्रेन ब्लास्ट के तार ISIS से जुड़े होने पर NIA ने शुरू की थी जांचएमपी हाई कोर्ट के जस्टिस संजय द्विवेदी की एकल पीठ की टिप्पणी – “वर्तमान मामले में जुवेनाइल जस्टिस एक्ट और NIA अधिनियम 2008 दोनों ही लागू हैं लेकिन जुवेनाइल जस्टिस एक्ट किसी भी अन्य कानून पर अधिक प्रभावी है”शाजापुर ट्रेन ब्लास्ट मामले में NIA ने किया था कई आरोपियों को गिरफ्तारराष्ट्रीय जांच एजेंसी यानी NIA ने आरोपी नाबालिग आतंकी के खिलाफ विभिन्न धाराओं के तहत दर्ज किया था मुकदमानाबालिग आतंकी के खिलाफ NIA ने भारतीय दंड संहिता की धारा 120 बी, 122, 307, 326, 324, विस्फोटक पदार्थ अधिनियम की धारा 3/4, रेलवे अधिनियम की धारा 150, 151, सार्वजनिक संपत्ति (रोकथाम) अधिनियम की धारा 4 और गैर कानूनी गतिविधियों की रोकथाम अधिनियम की धारा 16 (बी), 18, 25, 38 और 39 के तहत दर्ज़ किया था मुकदमा।
साल 2017 में हुए भोपाल-उज्जैन ट्रेन ब्लास्ट मामला
