Thursday, April 18, 2024
HomestatesChhattisgarhCBI के आवेदन पर 11 फरवरी को विचार करेगा सुप्रीम कोर्ट

CBI के आवेदन पर 11 फरवरी को विचार करेगा सुप्रीम कोर्ट

छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल. (फाइल फोटो)

छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल. (फाइल फोटो)

Bhupesh Baghel Sex CD Case: छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से संबंधित कथित सेक्स सीडी मामले को दूसरे राज्य में स्थानांतरित करने की मांग सीबीआई (CBI) कर रही है.

  • Last Updated:
    January 19, 2021, 12:54 PM IST

नई दिल्ली. छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (CM Bhupesh Baghel) से संबंधित कथित सेक्स सीडी (Sex CD Case) मामले को दूसरे राज्य में स्थानांतरित करने की मांग सीबीआई (CBI) कर रही है. सीबीआई की इस मांग पर बीते सोमवार को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में सुनवाई हुई. इस दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से संबंधित कथित सेक्स सीडी मामला राज्य से बाहर स्थानांतरित करने के लिये केन्द्रीय जांच ब्यूरो की याचिका पर 11 फरवरी को विचार किया जाएगा. सीबीआई ने अपनी याचिका में कहा है कि इस मामले में गवाहों को धमकाया जा रहा है और इसमें एक आरोपी, राज्य के मुख्यमंत्री, प्रभावशाली व्यक्ति हैं.

सुप्रीम कोर्ट के न्यायमूर्ति अशोक भूषण और न्यायमूर्ति एम आर शाह की पीठ ने कहा, ‘‘इस मामले को अंतिम निस्तारण के लिये 11 फरवरी को सूचीबद्ध किया जाये. इस बीच, संबंधित पक्षों के अधिवक्ता सारी कागजी कार्यवाही पूरी कर सकते हैं.’’ मामले की सुनवाई शुरू होते ही सीबीआई की ओर से सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि इस मामले में कुछ गवाह दिल्ली से तो कुछ मुंबई से हैं. जबकि कुछ अन्य गवाह दूसरे स्थानों से हैं. उन्होंने कहा कि हम चाहते हैं कि यह जांच छत्तीसगढ़ से बाहर किसी एक स्थान पर स्थानांतरित कर दी जाये.

आरोपी ने दी ये दलील
इस मामले में सह आरोपी कैलाश मुरारका की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता एएनएस नाडकर्णी ने कहा कि चूंकि राज्य सरकार के खिलाफ अनेक आरोप लगाये गये हैं, ऐसी स्थिति में छत्तीसगढ़ सरकार को भी इसमें पक्षकार बनाना बेहतर होगा. पीठ ने कहा कि वह इस पहलू पर सुनवाई की अगली तारीख पर विचार करेगी. शीर्ष अदालत ने सीबीआई मामले में गवाह होने का दावा करने वाले रसजीत सिंह खनूजा की याचिका पर भी विचार किया और कहा कि राज्य सरकार ने आत्महत्या के लिये उकसाने के किसी अन्य प्रकरण में उसके खिलाफ मामला दर्ज किया है. खनूजा ने भी आत्महत्या के लिये उकसाने का मामला सीबीआई को सौंपने का अनुरोध न्यायालय से किया है.ये भी पढ़ें- ‘बेटी’ के लिए योग्य दूल्हे की तलाश कर रहे सीएम भूपेश बघेल, जनता को बताया इरादा

वकीलों ने किया विरोध
राज्य सरकार की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी और अधिवक्ता सुमीर सोंढी ने खनूजा की याचिका का विरोध किया और कहा कि यह अनुच्छेद 32 के तहत दायर की गयी है जिसे खारिज किया जाना चाहिए. शीर्ष अदालत ने 21 अक्टूबर, 2019 को, बघेल के एक आरोपी के रूप में शामिल होने संबंधी कथित सेक्स सीडी कांड की सुनवाई पर रोक लगा दी थी और यह मामला राज्य से बाहर स्थानांतरित करने के सीबीआई के आवेदन पर उनसे जवाब मांगा था. सीबीआई की दलील है कि वह इस मामले को राज्य से बाहर स्थानांतरित करने का अनुरोध कर रही है. क्योंकि अभियोजन के दो गवाहों ने शिकायत की है कि उन्हें धमकी दी गयी हैं. केन्द्रीय जांच ब्यूरो ने कहा कि इस मामले की निष्पक्ष सुनवाई के लिये ही उसने यह याचिका दायर की है. क्योंकि आरोपी अब राज्य का मुख्यमंत्री है और इस वजह से गवाहों को डराने धमकाने की पूरी संभावना है.

क्या है मामला
सीबीआई ने 2017 में छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस के तत्कालीन अध्यक्ष बघेल के खिलाफ एक शिकायत पर यह मामला दर्ज किया था. इस शिकायत में कहा गया था कि उन्होंने फर्जी सेक्स सीडी मामले में राज्य के तत्कालीन पीडब्ल्यूडी मंत्री और भाजपा नेता राजेश मूणत को फंसाने का प्रयास किया है. रमन सिंह सरकार में मंत्री राजेश मूणत ने भूपेश बघेल और वरिष्ठ पत्रकार विनोद वर्मा के खिलाफ इस फर्जी सेक्स सीडी के जरिये उनकी छवि खराब करने के आरोप में शिकायत दायर की थी.  छत्तीसगढ़ पुलिस ने 2017 में कार्रवाई करते हुये भाजपा नेता की छवि खराब करने की बघेल के साथ साजिश करने के आरोप में विनोद वर्मा को उनके गाजियाबाद स्थित आवास से गिरफ्तार कर लिया था.  विनोद वर्मा वर्तमान में सीएम भूपेश बघेल के राजनीतिक सलाहकार हैं.







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