Thursday, April 25, 2024
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Chhattisgarh News In Hindi : Electricity meters like mobiles will be recharged balance will be given 24-hour delay | मोबाइल जैसे बिजली के मीटर होंगे रीचार्ज बैलेंस खत्म तो मिलेगी 24 घंटे की मोहलत

  • राजधानी में मोबाइल की तरह प्रीपेड बिजली मीटर की सुविधा शुरू होने जा रही है
  • जुलाई से बिजली कंपनी ने रीचार्ज वाले मीटर लांच कर की योजना बनायी

Dainik Bhaskar

Feb 03, 2020, 03:13 AM IST

रायपुर . राजधानी में मोबाइल की तरह प्रीपेड बिजली मीटर की सुविधा शुरू होने जा रही है। जुलाई से बिजली कंपनी ने रीचार्ज वाले मीटर लांच कर की योजना बनायी है। केंद्रीय बजट में घोषणा के बाद कंपनी के अफसरों ने इसकी लांचिंग को लेकर तैयारी शुरू कर दी है। रीचार्ज वाले बिजली के मीटर बिलकुल प्रीपेड मोबाइल की तरह बैलेंस होने पर ही काम करेंगे। बैलेंस खत्म होने पर मोबाइल की तरह बिजली के मीटर बंद हो जाएंगे। हालांकि बिजली मीटर में बैलेंस खत्म होने के बाद भी रीचार्ज के लिए 24 घंटे की मोहलत दी जाएगी। उसके बाद ही बिजली का कनेक्शन बंद किया जाएगा। 

शहर में 3.60 लाख बिजली के उपभोक्ता हैं। मोबाइल और डीटीएच रीचार्ज की तरह बिजली के मीटर में पहले पैसे डालकर उसे रीचार्ज किया जाएगा। मीटर में जब तक पैसा रहेगा तब तक बिजली की सप्लाई होती रहेगी। रीचार्ज का बैलेंस खत्म होने पर ये अपने आप बंद हो जाएगी। दाेबारा सप्लाई शुरू करवाने के लिए मीटर को रीचार्ज करवाना होगा। मीटर रीचार्ज करते ही बिजली की सप्लाई शुरू हो जाएगी। विशेषज्ञों और बिजली कंपनी के अफसरों के अनुसार रीचार्ज वाले मीटर से आम लोगों को फायदा होगा और बिजली की बचत भी होगी। बिजली कंपनी को बिल की वसूली के लिए समय और संसाधन की जरूरत नहीं पड़ेगी। अफसरों के अनुसार आम लोग वॉलेट, एटीएम, डेबिट कार्ड तथा बिजली कंपनी के रीचार्ज काउंटरों से प्रीपेड मीटर को रीचार्ज करा सकेंगे। 

आठ हजार तक खर्च : एक मीटर की अनुमानित औसत कीमत छह से आठ हजार बतायी जा रही है। जानकारों का कहना है केंद्र सरकार की नई बजट घोषणा में इसके लिए 22 हजार करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। बिजली कंपनी के अफसरों के अनुसार इससे बिजली कंपनी की स्थिति में सुधार होगा। अभी स्थिति यह है कि बिजली कंपनी लोगों को बिजली की सप्लाई करती है। महीनेभर लोग बिजली का उपयोग करते हैं। उसके बाद मीटर की रीडिंग की जाती है। रीडिंग के बाद बिल जारी किया जाता है और लोगों को बिल जमा करने के लिए 15 दिन का समय दिया जाता है। इस तरह बिजली कंपनी को खपत हुई बिजली का भुगतान लगभग डेढ़ महीने बाद मिलता है।

प्रीपेड मीटर के फायदे-नुकसान
 

फायदे :  बिजली की खपत में कमी आएगी नुकसान :  कभी भी अचानक बंद हो सकती है बिजली
लोगों को पता रहेगा कि कितनी खपत करें मीटर में छेड़छाड़ से बिजली चोरी की आशंका
 बिल जमा करने काउंटर पर नहीं जाना पड़ेगा  मीटरों से छेड़छोड़ की निगरानी नहीं हो सकेगी

अभी दिल्ली, राजस्थान समेत कुछ राज्यों मंे
दिल्ली, राजस्थान और उत्तरप्रदेश में‌ प्रीपेड मीटर की शुरुआत हो चुकी है। हालांकि अभी इन राज्यों मंे शत-प्रतिशत प्रीपेड मीटर नहीं लग पाए हैं। छत्तीसगढ़ बिजली कंपनी के अफसरों का कहना है कि प्रीपेड मीटर के लिए पहले डीपीआर तैयार करने के साथ एक सिस्टम डेवलप किया जाएगा। यह भी तय किया जाएगा कि प्रीपेड मीटरों की लागत उपभोक्ताओं से किस तरह वसूली जाएगी। चूंकि इसकी कीमत बहुत ज्यादा है, इसलिए लोगों को किश्तों में भुगतान की व्यवस्था भी देने की जरूरत भी पड़ सकती है। कुछ राज्यों में इसकी पहल की गई है। 

20 फीसदी उपभोक्ता बिल पटाने में करते हैं देरी
बिजली कंपनी को हर महीने औसतन 70 से 80 फीसदी लोग ही तय समय पर बिल अदा करते हैं। बाकी लोगों को बिल चुकाने में दो-तीन महीने या उससे भी ज्यादा समय लगता है। नई व्यवस्था से बिजली कंपनी को पैसा पहले ही मिल जाएगा। इसके लिए उन्हें अतिरिक्त कोई श्रम नहीं करना पड़ेगा। अभी मीटर रीडिंग और बिजली बिल जारी करने तथा भुगतान लेने के लिए ठेके पर कर्मचारी रखने पड़ रहे हैं।

प्रीपेड मीटर में रहेगा कार्ड, उसी में रीचार्ज
प्रीपेड मीटर में एक कार्ड रहेगा। यह कार्ड ठीक उसी तरह का होगा, जैसे डीटीएच के बाक्स में कार्ड रहता है। इस कार्ड नंबर पर ही रीचार्ज कराना होगा। केंद्र सरकार के बजट में इस बात की भी घोषणा की गई है कि लोग अपनी पसंद की बिजली उपलब्ध कराने वाली कंपनी का चुन सकते हैं। इस पर भी यदि अमल हुआ तो बिजली सप्लाई करने वाली कंपनियों के बीच प्रतिष्पर्धा बढ़ेगी और लोगों को फायदा होगा। ग्राहक बढ़ाने के लिए कंपनियां उपभोक्ताओं को आॅफर भी देंगी। 

सिस्टम शुरू होने में लगेंगे 6 माह

रायपुर, बिलासपुर, रायगढ़, कोरबा सहित पांच शहरों को इसके लिए चुना गया है। स्मार्ट और प्रीपेड मीटर दोनों पर काम किया जा रहा है। यह सिस्टम शुरू होने में छह महीने का वक्त लगेगा। – एचआर नरवरे, ईडी बिजली कंपनी


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