भोपाल, ब्यूरो। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सोमवार को बड़ी घोषणा की है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के स्कूलों में राम पढ़ाए जाएंगे। रामायण,गीता की शिक्षा दी जाएगी। उन्होंने कहा कि रामायण हो, महाभारत हो, वेद हों, उपनिषद हों, श्रीमद्भगवद्गीता हो यह अमूल्य ग्रंथ हैं हमारे। और इन ग्रंथों में मनुष्य को नैतिक बनाने की मनुष्य को पूर्ण बनाने, संपूर्ण बनाने की क्षमता है। इसलिए हमारे धर्म ग्रंथों की शिक्षा भी, मैं मुख्यमंत्री होने के नाते भी कह रहा हूं। हम तो शासकीय विद्यालयों में भी देंगे।
गीता जी का सार पढ़ाएंगे, रामायण जी , रामचरितमानस जी पढ़ाएंगे, महाभारत के प्रसंग पढ़ाएंगे। क्यों नहीं पढ़ाना चाहिए भगवान राम को। तुलसीदास जी ने इतना महान ग्रंथ लिखा है ‘परहित सरिस धर्म नहीं भाई, परपीड़ा सम नहीं अधमाई’ ऐसा ग्रंथ कहीं मिलेगा। सिया राम मय सब जग जानी सब जगह सीताराम है। सृष्टि के कण-कण में भगवान विराजमान है हर एक आत्मा परमात्मा का अंश है हर एक घट में बस वही समाया हुआ है तो कौन दूसरा है। यह ग्रंथ देने वाले रामायण जी रामचरितमानस जैसे तुलसीदास जी, तुलसी बाबा मैं उनको प्रणाम करता हूं। और ऐसे लोग जो हमारे इन महापुरुषों का अपमान करते हैं वह सहन नहीं किए जाएंगे। मध्यप्रदेश में हमारे इन पवित्र ग्रंथों की शिक्षा देकर हम अपने बच्चों को नैतिक भी बनाएंगे, पूर्ण भी बनाएंगे। शरीर, मन, बुद्धि और आत्मा इन सब का सुख वह प्राप्त कर सके ऐसा बनाने का प्रयास करेंगे।


