Friday, April 19, 2024
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Corona controlled even after being close to China, this habit of countrymen worked | बिना Lockdown के इस देश ने जीती कोरोना से जंग, देशवासियों की ये आदत आई काम

नई दिल्‍ली: पूरी दुनिया कोरोना कहर से जूझ रही है लेकिन चीन से महज 3,045 किलोमीटर दूर पर बसे जापान में कोरोना पूरी तरह नियंत्रण में है. आज जापान ने देश से इमरजेंसी भी हटा दी है और देश काफी हद तक सामान्‍य जिंदगी में वापस आ गया है. जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे ने कोरोना वायरस के कारण लागू आपातकाल सोमवार को तोक्यो और चार अन्य हिस्सों से समाप्त कर दिया.  इसके साथ ही जापान में लागू राष्ट्रव्यापी पाबंदियां समाप्त हो गईं. सरकार द्वारा गठित एक पैनल के विशेषज्ञों ने तोक्यो, पड़ोसी प्रांतों कानगावा, चिबा और सैतामा तथा देश के उत्तरी भाग मे स्थित होकाईदो से आपातकाल हटाने को मंजूरी दे दी है. 

जापान में 24 मार्च तक कोरोना के कुल मामले 1,200 के आसपास थे और वहां 43 लोगों की इस वायरस के कारण मौत हो गई थी. हर दिन वहां नए मामले सामने आ रहे थे लेकिन उनकी संख्‍या सीमित थी. जापान मे करीब 16,600 लोग कोरोना वायरस से संक्रमित हुए हैं और संक्रमण से करीब 850 लोग की मौत हुई है. 

जापान में संक्रमण होने के एक नहीं कई रिस्‍क थे
जापान ऐसा शहर है जहां आबादी घनी है और ऐसे में वहां वायरस के फैलने का खतरा और उसकी चेन बनने का खतरा काफी ज्‍यादा था. यहां बुजुर्गों की आबादी भी बहुत ज्‍यादा है जो संक्रमण को लेकर हाई-रिस्‍क में है. चीन से नजदीकी के कारण दोनों देशों के बीच लोगों की आवाजाही भी बहुत है. अब तक सामने आए आंकड़ों से पता चला है कि जनवरी में 9.2 लाख चीनी लोगों ने जापान की यात्रा की थी जबकि फरवरी में 89 हजार लोग चीन से जापान गए थे.

कोरोना कंट्रोल करने में कारगर रह कदम  
पहला कदम सरकार ने स्‍कूलों की छुट्टी करने का उठाया. सरकार ने कोरोना वायरस फैलते देख मार्च के अंत में होने वाली वसंत की छुट्टियों से दो हफ्ते पहले ही सभी स्कूलों को बंद कर दिया. इतना ही नहीं सारे सार्वजनिक आयोजन भी रद्द कर दिए. हालांकि दुकान और रेस्तरां को खुला रखा. इसके अलावा घर से काम करने को प्रोत्‍साहित किया. 

परीक्षण कम किए लेकिन एहतियात ज्‍यादा बरती 
जापान ने बाकी देशों की तुलना में संदिग्‍धों के परीक्षण कम किए. ऐसे में उस पर आरोप भी लगा कि इसके कारण ही यहां कम मामले रिपोर्ट हुए हैं. लेकिन जापान ने इस मसले में ज्‍यादा न फंसते हुए दूरंदेशी से काम लिया और संक्रमण रोकने के उपाय करने पर ज्‍यादा काम किया. जहां भी मामले सामने आए वहां तत्‍काल सख्‍ती बरती. जब उत्तरी द्वीप होक्काइदो में एक प्राइमरी स्कूल में वायरस फैलने का मामला सामने आया था तो पूरे प्रीफैक्चर में स्कूलों को बंद करके इमरजेंसी लगा दी गई थी. इसके तीन हफ्ते बाद ही वहां वायरस रुक गया. 

जापानियों की आदतों ने भी कोरोना को टक्‍कर दी
जापानी लोग मिलते समय न हाथ मिलाते हैं न किस करते हैं. वे झुकते हैं. इससे सोशल डिस्‍टेंसिंग वैसे ही काफी हद तक मेंटेन हुई. इसके अलावा हाथ धोना, डिसइंफेक्ट मिश्रण से गारगल करना और मास्क पहनना जापान के रोजमर्रा के जीवन का हिस्सा हैं. यह सब करने के लिए उन्‍हें कोरोना वायरस की जरूरत नहीं थी. इसी वजह से यहां संक्रमण को फैलने से रोकना बाकी देशों की तुलना में खासा आसान रहा. 

बिना कोरोना के भी जापान में हर साल 5.5 अरब मास्क की खपत होती है. यानी एक व्यक्ति यहां औसतन 43 मास्क इस्तेमाल करता है. जब कोरोना आया तो इस्तेमाल में बढ़ोतरी दर्ज की गई. अब जब कोरोना नियंत्रण में है, देश से इमरजेंसी हटा दी गई है, तब भी जापानी बिना किसी निर्देश के सारे प्रोटोकॉल का पालन कर रहे हैं. 




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