Edited By Somendra Singh | नवभारतटाइम्स.कॉम | Updated:

कोरोना वायरस के संक्रमण का खतरा अभी पूरी दुनिया में फैला हुआ है। अभी भी इसके कई सारे केस सामने आ रहे हैं। हर दिन पूरी दुनिया में हजारों लोग की मौत हो रही है। वैक्सीन न मिल पाने की स्थिति में इलाज के अलग-अलग तरीकों का सहारा लिया जा रहा है। इसी बीच, सीडीसी के द्वारा एक बयान जारी किया गया है जो पूरी दुनिया के उन देशों के लिए राहत की खबर हो सकती है। यह उन देशों के लिए ज्यादा खास है, जहां ऐसे मरीजों की संख्या बहुत ज्यादा है, जिनमें संक्रमण से ग्रसित होने के बाद कोई खास लक्षण नहीं दिखाई देते हैं।
इसे बारे में सीडीसी ने एक गहन शोध के बाद जानकारी दी है कि ऐसे मरीज से संक्रमण का खतरा, लक्षण दिखने वाले मरीजों की तुलना में बहुत कम हो जाता है। आइए जानते हैं कि सीडीसी में क्या जानकारी दी है………
क्या है सीडीसी का बयान?

SARS-CoV-2 के लक्षण दिखने वाले लोगों की तुलना में संक्रमण के लक्षण न दिखने वाले लोग ज्यादा सुरक्षित माने जा रहे हैं। सीडीसी के अनुसार, कई सारे देशों से मिली जानकारी और उनके द्वारा किए गए एक गहन अध्ययन के पश्चात वे इस नतीजे पर पहुंचे हैं। इन अध्ययनों से मिले परिणाम के बाद यह देखा गया कि जिन व्यक्तियों में कोरोना वायरस के लक्षण नहीं दिखाई दे रहे हैं, उनसे संक्रमण फैलने का खतरा भी काफी हद तक कम होगा।
सीडीसी के अनुसार, लक्षण न दिखने वाले संक्रमित व्यक्ति के द्वारा संक्रमण फैलने का खतरा करीब 50% तक कम होगा। 50 फीसदी संक्रमण न फैलने की स्थिति काफी सुरक्षित मानी जा सकती है और चुनौतीपूर्ण भी! क्योंकि लक्षण न दिखने वाले व्यक्तियों के द्वारा अगर सही समय पर जांच नहीं कराई गई और उनके इलाज में देरी हुई तो यह स्थिति भी चिंताजनक हो सकती है।
सीडीसी के द्वारा दी गई जानकारी को अगर देखा जाए तो यह एक अच्छी खबर हो सकती है। इससे संक्रमण फैलने का खतरा भारत में भी कम होगा क्योंकि हाल ही में स्वास्थ्य मंत्रालय के द्वारा बताया गया है कि देश में 69% मरीज बिना लक्षण वाले हैं। फिलहाल यह वायरस को दूसरे तक फैलाने में कितने कमजोर हैं, इस बारे में अभी और भी जानकारी आना बाकी है।
हालांकि, देश और दुनिया के कई देशों में कई सारी वैक्सीन पर ट्रायल किया जा रहा है। इनमें से कुछ वैक्सीन अंतिम चरण में ह्युमन ट्रायल के लिए तैयार हैं। फिलहाल कोरोना वायरस की वैक्सीन को तैयार करने के लिए भारत में वैक्सीन बनाने वाली प्रमुख कंपनी भारत बायोटेक ने थॉमस जेफरसन यूनिवर्सिटी ऑफ फिलाडेल्फिया के साथ मिलकर काम करना शुरू कर दिया है। फिर भी यह माना जा रहा है कि कोरोना वायरस की वैक्सीन को तैयार करने में अभी भी काफी लंबा वक्त लगने वाला है। इस दौरान अपने आप को सुरक्षित रखने के लिए सभी जरूरी सेफ्टी टिप्स और सरकार की तरफ से जारी किए गए दिशा-निर्देशों का पालन करें।
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