नागरिकता कानून (CAA) को लेकर चल रहे हिंसक विरोध प्रदर्शन के कारण केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) ने बुधवार को होने वाली 10वीं और 12वीं बोर्ड की परीक्षा अगली सूचना तक के लिए टाल दी है. दिल्ली सरकार के अनुरोध पर CBSE ने यह फैसला लिया है. इससे पहले दिल्ली सरकार ने उत्तर पूर्वी दिल्ली के सभी स्कूलों को बुधवार को भी बंद रखने का फैसला लिया. दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने ट्वीट कर यह जानकारी दी. डिप्टी सीएम सिसोदिया ने ट्वीट किया, ‘दिल्ली में हिंसा प्रभावित नॉर्थ ईस्ट ज़िले में कल स्कूलों की गृह परीक्षाएं नहीं होंगी और सभी सरकारी एवं प्राइवेट स्कूल बंद रहेंगे. बोर्ड परीक्षाओं के संबंध में मैंने एचआरडी मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक जी से बात की है कि इस ज़िले में कल की बोर्ड परीक्षा भी स्थगित कर दी जाए.
हिंसा प्रभावित नोर्थ-ईस्ट ज़िले में कल भी स्कूल बंद रहेंगे. गृह परीक्षाएँ स्थगित कर दी गई हैं. CBSE से भी कल की बोर्ड परीक्षा स्थगित करने का अनुरोध किया है. https://t.co/VY4t7zjWSo
— Manish Sisodia (@msisodia) February 25, 2020
बता दें कि नागरिकता कानून को लेकर दिल्ली सुलग रही है. रविवार यानी 23 फरवरी को मौजपुर से शुरू हुई हिंसा अब उत्तर-पूर्वी दिल्ली के कई इलाक़ों में फैल चुकी है. इस दौरान एक पुलिसकर्मी समेत 11 लोगों की मौत हो गई है वहीं, सवा सौ से ज्यादा लोग घायल हैं. घायलों में कइयों को गोली लगी है. बता दें कि मंगलवार को भी इलाके के स्कूलों को बंद रखा गया.
नागरिकता कानून पर सुलगती दिल्ली: अब तक 11 लोगों की मौत, आधे से अधिक घायलों को लगी है गोली
बता दें कि मामले को लेकर गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने एक उच्चस्तरीय बैठक बुलाई थी. इस हाई लेवल मीटिंग में दिल्ली के उप-राज्यपाल अनिल बैजल (Anil Baijal) और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) भी शामिल हुए. उनके अलावा कई अन्य दलों के नेता और जनप्रतिनिधि भी इस बैठक में पहुंचे. बैठक के बाद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा, ”हालात जो खराब हुए है वो चिंताजनक है. हिंसा से कोई समाधान नहीं, शांति बनाए रखे.
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केजरीवाल ने की यह अपील
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल हिंसा में घायल हुए लोगों से मुलाकात करने मंगलवार को जीटीबी अस्पताल पहुंचे और लोगों से ‘इस पागलपन’ को रोकने की अपील की. अस्पताल के दौरे के दौरान केजरीवाल के साथ उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन भी थे. अस्पताल के दौरे के बाद संवाददाताओं से बात करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सबसे बड़ी चिंता हिंसा को रोकना है. उन्होंने कहा, ‘मैंने घायल हुए लोगों से मुलाकात की और उन लोगों से भी मिला जो गोलियों से घायल हुए हैं. यहां पर समुचित सुविधाएं और डॉक्टर हैं. मैं हर किसी से हिंसा को रोकने की अपील करता हूं. यह पागलपन रूकना चाहिए.’