लंदन: ब्रिटेन (UK) ने आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट (Islamic State) की दुल्हन शमीमा बेगम (Shamima Begum) को बड़ा झटका दिया है. ब्रिटेन जाकर अपनी नागरिकता संबंधी कानूनी लड़ाई लड़ने की उसकी उम्मीद खत्म हो गई है. देश की राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ी नीतियों के मद्देनजर ये फैसला लिया गया है. शमीमा फिलहाल सीरिया (Syria) के डिटेंशन सेंटर में हैं. जो पिछले कुछ समय से ब्रिटेन में लौटना चाहती थी.
2019 में छिनी थी शमीमा की नागरिकता
जिहादी दुल्हन बनने के लिए 2015 में भागकर सीरिया पहुंची बांग्लादेशी मूल की ब्रिटिश युवती शमीमा बेगम, ईस्ट लंदन स्कूल की छात्रा थी. वो इसी स्कूल में पढ़ने वाली अपनी दो सहेलियों के साथ 15 साल की उम्र में तुर्की (Turkey) होते हुए सीरिया पहुंची थी. शमीमा की उम्र अब 21 साल है और ब्रिटेन ने साल 2019 में ब्रिटेन (Britain) ने उसकी नागरिकता खत्म कर दी थी. लेकिन तब उसे कोर्ट से नागरिकता को लेकर कानूनी लड़ाई का हक दिया गया था.
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सुप्रीम कोर्ट से लगा झटका
शमीमा की नागरिकता का मामला इसके ब्रिटेन की सबसे बड़ी अदालत यानी सुप्रीम कोर्ट पहुंचा. जहां सरकार ने ये दलील रखी कि खुफिया एजेंसियां इस नतीजे पर पहुंची हैं कि इस्लामिक स्टेट (IS) के साथ गठबंधन करने वालों ने देश की राष्ट्रीय सुरक्षा को लेकर गंभीर खतरा पैदा किया है. सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के न्यायाधीशों ने कहा, ‘अगर बड़े पैमाने पर जनता के हितों और सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए किसी मामले की सुनवाई निष्पक्ष रूप से आगे बढ़ाना संभव नहीं है तो अदालतें इस केस की सुनवाई नहीं कर सकती हैं’
बेटे की हुई थी मौत
दो साल पहले आईएस दुल्हन शमीमा बेगम के नवजात बेटे की सीरिया में निमोनिया के कारण मौत हो गई थी. बांग्लादेशी मूल की ब्रिटिश युवती शमीमा बेगम ने फरवरी में सीरियाई शरणार्थी शिविर में बेटे को जन्म दिया था. हालांकि शमीमा के साथ उस समय दो और आईएस दुल्हनों की नागरिकता ब्रिटेन ने छीन ली थी. जिसमें रीमा और उसकी बहन जारा का मामला शामिल था
शमीमा बेगम का मामला ब्रिटेन में एक गरमागरम बहस का विषय रहा है, जिस पर लोगों की मिली जुली प्रतिक्रिया देखने को मिलती है.
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