भोपाल। कोराना वायरस के कारण देशव्यापी लॉकडाउन का दूसरा इफेक्ट भी सामने आ रहा है। मध्यप्रदेश के इंदौर के बाद खंडवा में भी बीमार व्यक्ति को अस्पताल पहुंचाने के लिए एंबुलेंस नहीं मिली और स्कूटर पर ही उसकी मौत हो गई। छिंदवाड़ा में खाने के लिए कुछ नहीं बचा तो एक बुजुर्ग महिला राख से पेट भरती नजर आई।
21 दिन के लॉकडाउन को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गत दिवस 19 दिन और आगे बढ़ा दिया है, लेकिन सरकार और प्रशासन लोगों को बुनियादी सुविधाएं मुहैया कराने में असफल साबित हो रहा है। लोगों के बाहर निकलने पर पाबंदी से कोरोना संक्रमण तो कम नहीं हुआ, लेकिन इसके दुष्परिणाम भी सामने आने लगे हैं।
स्कूटर पर तीन अस्पताल भटके, फिर भी बचा नहीं पाए
इंदौर में मंगलवार को 55 साल के पांडुराव चांदवे की तबियत बिगड़ने पर उसके घर वालों ने एंबुलेंस बुलाई, लेकिन वह नहीं मिली तो स्कूटर पर ही अस्पताल-अस्पताल भटकते रहे, लेकिन कहीं इलाज नहीं मिला। सरकार अस्पताल एमवाय लेकर पहुंचने तक पांडुराव ने दम तोड़ दिया। इस घटना की फोटो और वीडियो वायरल होने के बाद भी प्रशासन नहीं चेता।
खंडवा में भी बुजुर्ग ने स्कूटर पर दम तोड़ा
इंदौर जैसी ही घटना कल खंडवा में भी हुई। 65 साल के बुजुर्ग शेख हमीद को उसके परिजन स्कूटर पर लेकर अस्पताल पहुंचे लेकिन रास्ते में ही उसकी मौत हो गई। इस मामले में भी एंबुलेस बुलाने की तमाम कोशिशें असफल रहीं।
इंदौर के बाद खंडवा में भी वही दुर्भाग्यपूर्ण घटना हुयी. एम्बुलेंस समय पर नही पहुँची तो परिजन स्कूटी से खडाकपुरा निवासी बुजुर्ग शेख हमीद (65) को परिजन हॉस्पिटल पहुंचे बुजुर्ग की बीच रास्ते में दुखद मौत,@ABPNews @ChouhanShivraj @MPArunYadav @digvijaya_28 @SanjayBragta pic.twitter.com/yc9x02Qo9E
— Brajesh Rajput (@brajeshabpnews) April 14, 2020
छिंदवाड़ा में राख से पेट भरने का जतन
पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के गृह जिले छिंदवाड़ा की कहानी तो और भी मार्मिक है। यहां गांवों में राशन को ग्रामीण तरस रहे हैं। पांढुर्ना ने दस किमी दूर भटेवाड़ी गांव में 95 साल की एक महिला पुनियाबाई धुर्वे की खबर सुर्खियों में आई। पुनियाबाई के घर में खाने को कुछ नहीं बचा तो वह गोबर के कंडे जला कर उसकी राख से पेट की आग बुझाने का प्रयास करती रही। मामला उजागर हुआ तो गांव में राशन बंटवाया गया।
