दान मे घालमेल… जनता का रुपया… जनता का हक़… जनता मांगे हिसाब…
महंगी मेडिकल साम्रगी का हिसाब मांगेंगे छतरपुर के विधायक
बीजेपी सांसद प्रतिनिधि भी दर्ज करा चुके हैं आपत्ति
धीरज चतुर्वेदी, छतरपुर।
क्षेत्र के सांसद-विधायको और समाजसेवियो ने कोरोना आपदा से उभरने के लिये खुलकर दान किया। अब एक करोड से अधिक के दान के हिसाब किताब में गड़बड़ी होने के आरोप लग रहे है।
प्रथमदृष्टया मास्क खरीद में गड़बड़ी होने का अंदेशा है जिसे भाजपा के सांसद प्रतिनिधि ने आपदा प्रंबधन की बैठक में भी उछाला था। वहीं कांग्रेस के विधायकों का कहना है कि जनप्रतिनिधियो की राशि का प्रशासन ने कहां उपयोग किया, इसे दबाया जा रहा है। महत्वपूर्ण है कि जनप्रतिनिधियो और समाजसेवियों ने अपने इलाकों में बड़ी तादाद में मास्क वितरण किया है तो प्रशासन द्वारा खरीदे गये मास्क व सेनेटाईजर आदि कहां बांटे गये, यही रहस्य का विषय है। अब कांग्रेस के विधायकों ने इसे बड़ा घोटाला निरूपित करते हुये विधानसभा में मामले को उठाने की बात कही है।
क्या कोरोना आपदा भी प्रशासनिक तंत्र के लिये एक अवसर बनकर आया है, यह बड़ा सवाल आज मुंह बाये खड़ा है। जनप्रतिनिधि तो मेडिकल सामग्री खरीद में भारी गड़बड़ी होने का आरोप लगा रहे है। इसमें वो सामग्री प्रमुख है जो आम जनता को कोरोना वायरस से बचाने के लिये खरीदी गई। टीकमगढ़ से लोकसभा के सांसद वीरेन्द्र खटीक ने हर विधानसभा में दो-दो लाख रूपये मास्क खरीद के लिये सांसद निधि से जारी किये थे। इसी तरह छतरपुर विधायक आलोक चतुर्वेदी, महाराजपुर विधायक नीरज दीक्षित, बड़ामलहरा विधायक प्रद्युम्नसिंह लोधी, राजनगर विधायक नातीराजा ने विधायक निधि के अलावा स्वयं के व्यय पर भी कोरोना आपदा पीड़ितों के लिये व्यवस्थाएं जुटाई थीं।
आपदा काल में भी मेडीकल सामग्री खरीदी में गड़बड़ी के आरोप इस कारण तूल पकड़ रहे हैं, क्योंकि मास्क की मंहगी खरीदी का मामला सत्ताधारी दल के सांसद वीरेन्द्र खटीक के सांसद प्रतिनिधि धीरेन्द्र नायक ने आपदा प्रबंधन समिति की बैठक में पुरजोर तरीके से उठाया था। तीन विधानसभा बिजावर, छतरपुर और महाराजपुर का लोकसभा क्षेत्र दायरा टीकमगढ़ लोकसभा में आता है। जहां मास्क वितरण के लिये सांसद ने प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र को दो-दो लाख रुपये सांसद निधि से आंबटित किये थे।
सांसद प्रतिनिधि धीरेन्द्र नायक ने बताया कि कलेक्टर और मुख्य स्वास्थ्य एंव चिकित्सा अधिकारी रेडक्रास को खरीदी के लिये दायित्व दिया गया था। छतरपुर में प्रति मास्क करीब 10 रूपये कीमत से खरीदा गया वहीं टीकमगढ में इसी दौरान 7.50 रूपये में मास्क खरीदी हुई। सभी मास्क इंदौर से क्रय किये गये। आपदा प्रंबधन समिति की बैठक में सांसद प्रतिनिधि ने महंगी खरीदी पर आपत्ति दर्ज कराई थी। तब बैठक में आश्वस्त किया गया था कि 15 प्रतिशत कटौती कर मास्क का भुगतान किया जायेगा।
कांग्रेस एमएलए आलोक चतुर्वेदी ने दी सबसे ज्यादा आर्थिक मदद
कोरोना आपदा के समय छतरपुर विधायक आलोक चतुर्वेदी ने सबसे अधिक प्रशासन को सहायता दी। उन्होने 10 लाख रूपये अस्पताल की व्यवस्थाओ वेंटिलेटर के लिये आवंटित किये। वहीं 10 लाख रूपये कोरोना से आम जनता के बचाव के लिये मेडीकल सामग्री खरीदने के लिये प्रशासन को विधायक निधि से दिए गए। विधायक चतुर्वेदी ने स्वयं की जेब से 5 लाख और अन्य समाजसेवियो से 20 रूपये प्रशासन को दिये। आलोक चतुर्वेदी बताते हैं कि इस राशि को किस मद पर खर्च किया यह रहस्य है। किसी प्रकार के कोई खर्चे ब्योरे से उन्हे अवगत नहीं कराया गया है। जबकि प्रशासकीय बैठको में उनके द्वारा यह ब्योरा मांगा गया। इसी तरह अन्य विधायको ने भी विधायक निधि से राशि आवंटित की। जनप्रतिनिधियो और समाजसेवियो के द्वारा कोरोना आपदा के लिये दी गई प्रशासनिक सहायता का मोटा गणित एक करोड रूपये से उपर का है।
जनप्रतिनिधियों ने खुद भी बांटे मास्क और सेनिटाइजर
महत्वपूर्ण है कि सभी जनप्रतिनिधियो और समाजसेवियो ने अलग से अपने अपने क्षेत्रो में मास्क और सेनेटाईजर का वितरण किया। बडामल्हरा विधायक प्रद्युम्नसिंह लोधी ने बताया कि उनके द्धार अपने विधानसभा ईलाके में 5 लाख रूपये से अधिक व्यक्तिगत मद से खर्च किया गया। जिसमें मास्क, सेनेटाईजर का वितरण और अन्नदान शामिल है। इसी तरह महाराजपुर विधायक नीरज दीक्षित ने 5 लाख रूपये नौगांव स्वास्थ्य केन्द्र को विधायक निधि से दिये। वहीं 5 लाख रूपये के करीब का व्यक्तिगत खर्च से मास्क सेनेटाईजर आमजनता को वितरित किये। बिजावर क्षेत्र से विधायक राजेश शुक्ला ने 7 लाख रूपये विधायक निधि से जारी किये। विधायक राजेश शुक्ला बताते है कि उनका क्षेत्र अति पिछडे में गिना जाता है। आदिवासी और पठारी क्षेत्र है। आमजनता तक सुविधाये मुहैया कराने के लिये उन्होने करीब 10 लाख रूपये व्यक्तिगत मद से खर्च किये। गरीबो तक अन्न और कोरोना से बचाव के लिये मास्क, सेनेटाईजर इत्यादि बटवाये गये। राजनगर विधानसभा के विधायक नातीराजा और चंदला क्षेत्र से विधायक राजेश प्रजापति ने भी विधायक निधि के अलावा व्यक्तिगत खर्च कर आमजनता के बीच सुविधाये मुहैया कराई।
समाजसेवी भी कर रहे मदद
छतरपुर जिले में सैकडो लोग वह थे जो प्रवासी मजदूरो को भोजन बांट रहे थे तो घर घर में लंच पैकेट वितरित कर रहे थे। कई लोगो ने हजारो की संख्यां में मास्क, सेनेटाईजर इत्यादि का वितरण किया। अब सवाल यही उठता है कि जब समाजसेवी संस्थाये और जनप्रतिनिधियो ने दिल खुलकर आमजनता की सेवा की और जिसका दायित्व प्रशासन का था तो जनप्रतिनिधि और समाजसेवियो के नगदी दान को किस मद में खर्च कर दिया। वैसे छतरपुर जिले में अन्न घोटाले की चर्चाये सुर्खियां बनी हुई है। यही वह प्रश्न है जो कोरोना आपदा में भी प्रशासन की ईमानदारी को शक के दायरे में खडा करता है। क्या इस राशि में भी खुटका हो गया यह गंभीर जांच का विषय है। अब कांग्रेस के विधायको का कहना है कि आगामी विधानसभा में कोरोना घोटाले को मुद्दा बनाकर सरकार को घेरा जायेगा। जिससे आमजनता के दुख के समय भी जब जनप्रतिनिधि और समाजसेवी राहत के सारथी बने थे तब इस दौर में भी जिम्मेदार अपनी बेईमानी को तिजोरियो में समेट रहे थे।