बिहार में चुनावी चलहकदमी का दौर शुरू हो गया है, हालांकि विधानसभा चुनावों में अभी खासा वक्त है लेकिन कई सियासी दल अभी से ही चुनाव की तैयारियों में जुट गए हैं. जहां एक ओर लोक जनशक्ति पार्टी के अध्यक्ष चिराग पासवान बिहार फर्स्ट, बिहारी फर्स्ट यात्रा की शुरुआत की है तो वहीं विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव रविवार से पूरे बिहार में बेरोजगारी भगाओ यात्रा पर निकलेंगे. अपनी यात्रा निकालने से पहले तेजस्वी सोशल मीडिया पर खासे सक्रिय नजर आ रहे हैं. इसी कड़ी में उन्होंने शुक्रवार को अपने फेसबुक अकाउंट पर दिल की बात शेयर की. जहां उन्होंने प्रदेशवासियों को संबोधित करते हुए लिखा कि हमारा बिहार, वही बिहार जो कभी शिक्षा का केंद्र बिंदु था आज बदहाल है. बिहार बेरोज़गारी का केंद्र बिंदु बन चुका है. 45 सालों बाद देश में बेरोज़गारी सबसे अधिक है. पूरे देश में बिहार की बेरोज़गारी दर 11.47% है. बिहार के युवा प्रतिभावान होने के बावजूद दूसरे प्रदेशों में मामूली मेहनताने पर छोटे-मोटे काम करने को विवश हैं. बिहार की प्रतिभा पलायन कर रही है लेकिन माननीय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी चैन की बंशी बजा रहे हैं.
तेजस्वी नेफेसबुक पोस्ट के जरिए पूछा, किसी प्रदेश की दशा और दिशा बदलने के लिये और कितना वक्त चाहिये? आज 15 साल हो गये बिहार में नीतीश कुमार को शासन करते हुए, सबसे युवा बिहार बदहाल हो गया, बेकार हो गया. आखिर कब तक हम बिहार के लोग मज़दूरी करके पेट पालते रहेंगें? इनसे हिसाब मांगों तो ये भूतकाल की बात करने लग जाते है. आरजेडी प्रमुख ने लिखा कि माननीय मुख्यमंत्री जी को समझना चाहिए के 90 के दौर की सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक प्राथमिकताएं अलग थी और आज की अलग है. आप इसकी तुलना नहीं कर सकते.
राष्ट्रीय जनता दल ने लिखा कि जिम्मेदारियों के बोझ तले दबा बिहार का युवा हताश और निराश है. 15 साल मे नीतीश कुमार ने बिहार के युवाओं के भाग्य में डिग्री लेकर इधर-उधर मारा-मारा फिरना लिख दिया है. बिहार शिक्षा-स्वास्थ्य के मानकों और मानव विकास सूचकांक में अभी भी पिछड़ा है. स्कूलों, कॉलेजों, विश्वविद्यालयों, अस्पतालों, थानों और सीओ कार्यालयों की क्या दुर्दशा हो चुकी है यह क्या किसी से छिपा है? आपकी सरकार के ही नीति आयोग के सत्तत विकास पर आंकड़े आपके दावों की धज्जियां उड़ा रहे है. NCRB के आंकड़े प्रदेश में बढ़े अपराध, बलात्कार और हत्याओं के आँकड़े इनके झूठे दावों की कलई खोल रहे है.
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तेजस्वी ने अपने फेसबुक अकाउंट में लिखा नीतीश सरकार ने 15 सालों में कितनी नौकरियों का सृजन किया है? बिहार के कितने करोड़ युवा बेरोज़गार है? कितने करोड़ बेरोज़गारों ने नौकरी के लिए रोज़गार कार्यालय में पंजीकरण करवाया है? इन सबका का सरकार को जवाब देना चाहिए. तेजस्वी के अनुसार यह सवाल पूछना आज हर नागरिक का कर्तव्य है. युवाओं के दम पर सरकार बनाने वाले नीतीश कुमार ने इन्हीं युवाओं को छला है. जो थोड़ी बहुत नौकरियां पनप भी रही हैं उन पर भ्रष्टाचार, भाई-भतीजावाद, जातिवाद और क्षेत्रवाद का बोल बाला है. सत्ता मे बैठे अमीर व ताकतवर लोग उन नौकरियों पर कब्जा जमा ले रहे हैं गरीब का लड़का बेकार ही रह जा रहा है. लगातार प्रश्न-पत्र लीक हो जाते है. नौकरियों की बोली लगती है.
आरजेडी प्रमुख ने लिखा रोजगार न मिल पाने की वजह से अवसाद में जी रहे युवाओं को आशा की किरण दिखाई नहीं दे रही है. बिहार के हर युवा को रोजगार की तलाश है ताकी वो सम्मान से जी सके. अगर यह सरकार देश में सबसे युवा आबादी वाले प्रदेश के युवाओं को रोजगार नहीं दे सकती तो इसे सत्ता में रहने का नैतिक हक भी नही है. पूरे बिहार के युवाओं को एकजुट होना होगा अपने हक की लड़ाई लड़नी होगी. अमीर-गरीब, छोटा-बड़ा का भेदभाव मिटाकर आगे आना होगा. मैं आप सभी युवाओं, छात्रों, अभिभावकों और बिहार की समस्त जनता को आह्वान करता हूं कि आगे आईये, कदम बढ़ाईये और बिहार को बदलने की कसम खाईये. उन्होंने लिखा परिवर्तन ही बिहार को बचा सकता है और बना सकता है यही सोच कर बेरोज़गारी हटाओ यात्रा के माध्यम से मैं सबों के साथ मिलकर आप सब की लड़ाई लड़ने जा रहा हूं. बस अपना प्यार, स्नेह आशीर्वाद बनाये रखिये और दो कदम चल कर बिहार के भविष्य को सुनहरा बनाने की सोच को अपना समर्थन दें, यह लड़ाई तब तक नही रूकेगी जब तक हर पेट को रोटी हर हाथ को काम नही मिल जाता.
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