छतरपुर। जात-पात का भेद मिटाकर सभी हिन्दुओं को एक करने के लिए सिद्ध तीर्थ बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पं. धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री सनातन हिन्दू एकता यात्रा निकाल रहे हैं। बागेश्वर धाम से ओरछा की 9 दिवसीय यात्रा चौथे दिन उत्तर प्रदेश की सीमा धसान नदी के किनारे देवरी बंधा पहुंची। रास्ते में महाराजजी सभी पदयात्रियों का उत्साह बढ़ाते जा रहे हैं। हजारों की तादाद में पदयात्रा में शामिल लोगों की आंखों में सनातन हिन्दू एकता का जुनून झलक रहा है।बागेश्वर धाम पीठाधीश्वर पं. धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री ने पदयात्रियों का उत्साहवर्धन करते हुए कहा कि हम सबको जात-पात के जंजाल से बाहर निकलना है। महाराजश्री का इस यात्रा का सिर्फ एक ही नारा है जात-पात की करो विदाई हम सब हिन्दू भाई-भाई। सनातन धर्म की रक्षा के लिए हजारों कदम बिना रूके चलते जा रहे हैं। सभी पदयात्रियों का एक ही लक्ष्य है कि सनातन धर्म मजबूत हो, आपस में एकता रहे, आपस में कोई भेदभाव न हो। उन्होंने लोगों से पूछा कि क्या वे भी अपने सनातन धर्म को बचाने के लिए आगे आएंगे तो लोगों का जवाब हां में था। सभी पदयात्री उत्साह के साथ यात्रा में चल रहे हैं।
महाराजश्री के साथ हनुमान गढ़ी अयोध्या के महंत राजूदास महाराज लगातार चल रहे हैं। चौथे दिन की यात्रा में पूर्व मंत्री मानवेन्द्र सिंह भंवरराजा, विधायक टीकाराजा ने आत्मीय स्वागत किया। कटनी के संत परशुराम महाराज भी यात्रा में सम्मिलित हुए। वहीं मंत्री मप्र शासन राकेश शुक्ला महाराजश्री के साथ यात्रा में शामिल हुए।जिसके हृदय में भक्ति जाग जाती है वह सनातन के लिए एकत्रित हो जाता है: पं. पुण्डरीक गोस्वामीचौथे दिन की यात्रा नौगांव से शुरू हुई, महाराजश्री की यात्रा जैसे ही आगे बढ़ी वैसे ही श्रीधाम वृंदावन के प्रख्यात कथावाचक पं. पुण्डरीक गोस्वामी शामिल हुए। उन्होंने पदयात्रियों को अपने आशीर्वचन से लाभान्वित करते हुए कहा कि जिसके हृदय में भक्ति जाग जाती है वह सनातन के लिए एकत्रित हो जाता है। उन्होंने कहा आज हिन्दुओं को एकजुट होने की जरूरत है। उन्होंने सभी हिन्दुओं से इस यात्रा को समर्थन देने का आग्रह किया। अपने व्यस्त कार्यक्रम में आए कथाव्यास पं. गोस्वामी ने यात्रा की सफलता की शुभकामनाएं दीं। नन्हे बालक को अपने हाथों से महाराजश्री ने कराया भोजनचौथे दिन की यात्रा का भोजन विश्राम बड़ागांव चेकपोस्ट बैरियर रहा।
महाराजश्री ने यहां आए सभी संतों के साथ भोजन प्रसाद ग्रहण किया। इसी दौरान महाराजश्री के दर्शन करने आए अनमोल पुत्र प्रेमचन्द्र अहिरवार 10 वर्ष को महाराजश्री ने अपने हाथों से भोजन कराया। जहां एक झलक पाने के लिए नन्हा बालक बेताब था वहां महाराजश्री के हाथों से भोजन पाकर उसने खुद को धन्य माना। महाराजश्री ने उसका मुंह मीठा भी कराया और उससे कहा कि वह सनातन के लिए कार्य करे। अब हरीपुरा बोलिए अपने गांव का नाम: महाराजश्रीबागेश्वर महाराज जैसे ही अपनी यात्रा के दौरान फोरलेन पर स्थित अलीपुरा गांव पहुंचे, वैसे ही लोगों ने उनका आगे बढ़कर स्वागत किया। महाराजश्री ने सभी गांववासियों से आवाहन किया कि अब से वे अपने गांव का नाम हरीपुरा के रूप में संबोधित करें। उन्होंने कहा कि इससे भगवान का नाम बार-बार जुबान पर आएगा, जिससे हम सबका कल्याण होगा।भारत को हिंदू राष्ट्र होना चाहिए: किन्नर अखाड़ा महामंडलेश्वरसनातन हिन्दु एकता पदयात्रा जब नौगांव पहुंची तो, यहां किन्नर अखाड़ा की ओर से महामंडलेश्वर ने उनकी यात्रा का समर्थन करते हुए भव्य स्वागत किया। सनातन यात्रा में पहुंची महामंडलेश्वर में मीडिया से बातचीत में कहा कि यह यात्रा देश भर के हिंदुओं को एकजुट करने के लिए निकाली जा रही है और सफलतापूर्वक अपने लक्ष्य को प्राप्त करेगी। उन्होंने कहा कि किन्नर समाज भी इस यात्रा का पूरा समर्थन कर रहा है, भारत को हिंदू राष्ट्र होना चाहिए।
शिष्य मंडल की ओर से उन्होंने बागेश्वर धाम पीठाधीश्वर और उनके पीछे चल रहे सभी पदयात्रियों का स्वागत किया।बेटी का कराया विवाह, समधी के साथ महाराज ने की हंसी-ठिठोलीतीसरे दिन यात्रा का विश्राम नौगांव के शांति कॉलेज परिसर में हुआ, जहां महाराजश्री के सानिध्य में नौगांव शिष्य मंडल द्वारा ग्राम ददरी के एक निर्धन परिवार की बेटी का धूमधाम से विवाह संपन्न कराया गया। महाराजश्री ने स्वयं मंत्रोच्चार कर वर-वधू का पाणिग्रहण संस्कार सम्पन्न कराया, साथ ही वर के पिता के साथ खूब हंसी-ठिठोली भी की। नौगांव शिष्य मंडल द्वारा बताया गया कि ददरी निवासी लखन कोरी पेश से मजदूर हैं और उनकी 6 बेटियां हैं। आर्थिक तंगी के चलते वह वह अपनी बेटी कल्पना का विवाह नहीं कर पा रहे थे, जब यह जानकारी शिष्य मंडल को मिली तो शिष्य मंडल ने महाराजश्री के सानिध्य में विवाह करने का निर्णय लिया। बेटी का विवाह नौरंगा जिला हमीरपुर उत्तरप्रदेश के रहने वाले योगेश के साथ संपन्न हुआ है। बारात के भोजन की व्यवस्था यात्रा के भंडारे में की गई थी। शिष्य मंडल की ओर से बेटी कल्पना को घर-गृहस्थी की सम्पूर्ण सामग्री उपहार स्वरूप प्रदान की गई है।कथावाचक अनिरूद्धाचार्य महाराज हुए शामिलतीसरे दिवस शाम के समय प्रख्यात कथाव्यास अनिरुद्धाचार्य महाराज भी सनातन हिन्दु एकता पदयात्रा में शामिल हुए। उन्होंने लंबी दूरी तक महाराजश्री के साथ पैदल चलकर उनके संकल्प में सहभागिता की और हिंदुओं से एकजुट होने का आवाहन किया। उन्होंने कहा कि अब हिंदुओं के एकजुट होने का समय आ गया है और महाराजश्री की यात्रा में उनके साथ चल रहा यह अपार जनसमूह इस बात का प्रतीक है कि सभी हिंदू एकजुट हैं।