प्रदेश के महानगर तो रजिस्ट्री में बड़े – बड़े रिकार्ड बनाये हैं लेकिन एक रजिस्ट्री ऐसी भी हुई जिसमें सारे रिकॉर्ड टूट गए जिसमे 17 करोड़ 53 लाख रुपए का राजस्व मिला
उमरिया – जी हां चौंकिये मत छोटा सा जिला भी एक रजिस्ट्री में प्रदेश में रिकार्ड बनाने में महारथ हासिल कर लिया, वैसे तो इंदौर, भोपाल, ग्वालियर जैसे महानगरों में साल भर में जमीनों की रजिस्ट्री में करोड़ों का राजस्व मिलता है लेकिन उमरिया जैसा छोटा जिला जिसका साल भर का टारगेट ही मात्र 21 करोड़ रुपये का हो और वहां एक दिन में 17 करोड़ 53 लाख रुपये की और वह भी एक ही रजिस्ट्री हो तो है न प्रदेश की सबसे बड़ी रजिस्ट्री।
सब रजिस्ट्रार आशीष श्रीवास्तव ने बताया कि संपदा 2.0 के द्वारा उमरिया जिले के 3 गांव और शहडोल जिले के 2 गांव के लगभग 2 हजार हेक्टेयर के करीब जमीन की 30 वर्ष की लीज हुई है जिसमें विभाग को 17 करोड़ 53 लाख रुपये एक ही दस्तावेज में प्राप्त हुए हैं, यह उमरिया जिले के लिए बहुत बड़ी उपलब्धि है और जहां तक मैं समझता हूँ कि शहडोल संभाग की सबसे बड़ी रजिस्ट्री है, वहीं पूंछा गया कि प्रदेश में इतनी बड़ी रजिस्ट्री सुनने को नही मिली है तो बोले कि शहडोल संभाग में तो नही है लेकिन प्रदेश की जानकारी नही है।गौरतलब है कि संपदा 2.0 चालू होने के बाद जिले ही नही प्रदेश की सबसे बड़ी रजिस्ट्री का रिकार्ड उमरिया जिले के नाम ही बना है वह भी एक ही दस्तावेज में।