- उत्तर प्रदेश के चित्रकूट जिले का मामला
- लाश को फेंकने के दौरान नाव पलटी
चित्रकूट में पत्नी की लाश को ठिकाने लगाने के चक्कर में एक शख्स की डूब कर मौत हो गई है. जिले के कर्वी ब्लाक की पूर्व ब्लाक प्रमुख के पौत्र भरत दिवाकर ने कल शाम अपनी पत्नी की हत्या की साजिश रची और अपने लोगों के साथ मिलकर हत्या कर दी. इसके बाद लाश ठिकाने लगाने की पूरी व्यवस्था भी मुकम्मल कर ली थी.
भरत दिवाकर ने चित्रकूट के बरुआ बांध में मछली पकड़ने का ठेका भी ले रखा है. कल शाम उसने अपने आदमी से बांध में एक डोंगी (छोटी नाव) बांधकर घर चले जाने और उसके बाद फोन कर उसे जानकारी देने की बात कही थी. इसके बाद भरत दिवाकर ने अपने एक और चेले को कर्वी में ही एक घर में सोने की हिदायत दी और कहा कि रात में कुछ लोग बांध में मछली का शिकार करने आते हैं. हम लोग उन्हें पकड़ने चलेंगे.
इसके बाद भरत दिवाकर ने अपनी पत्नी की हत्या कर दी और उसकी लाश को अपने स्कॉर्पियो में डालकर प्लान के मुताबिक रामसेवक को लेने जा पहुंचा. जब रामसेवक ने गाड़ी में लाश देखी तो उसकी रूह कांप गई. रामसेवक ने जब भरत दिवाकर का साथ देने से इनकार किया तो भरत ने उसे अपनी पत्नी की चरित्र हीनता का हवाला देते हुए उसे साथ लेकर लाश ठिकाने लगाने के लिए बरुआ बांध पहुंच गया.
प्लान के मुताबिक, बरुआ बांध में पहले से ही एक डोंगी (छोटी नाव) किनारे बंधी थी. रामसेवक के साथ मिलकर भरत दिवाकर पत्नी की लाश को उस डोंगी में ले गया और लाश में बड़े-बड़े पत्थर बांधकर बांध में फेंक देने के लिए डोंगी गहरे पानी की तरफ ले गया. जब भरत दिवाकर रामसेवक को साथ लेकर पत्नी की लाश को बांध में फेंक रहा था तभी डोंगी के डिसबैलेंस हो जाने के साथ कारण भरत दिवाकर और रामसेवक भी बांध के पानी में जा गिरे.
बांध के गहरे पानी में गिरकर रामसेवक तो किसी तरह तैरकर किनारे आ गया, लेकिन भरत दिवाकर डोंगी सहित बांध में ही डूब गया, जिससे उसकी भी मौत हो गई. सुबह रामसेवक ने पुलिस को मनगढ़ंत कहानी सुनाकर भरत दिवाकर की हत्या की सूचना दी, लेकिन जब पुलिस ने कड़ाई से पूछताछ की तो उसने सारा राज उगल दिया.
पुलिस भरत दिवाकर और उसकी पत्नी की लाश ढूंढने के लिए बांध में जाल डलवा रही है और गोताखोरों को भी लगाया गया है. घटना के लगभग 16 घंटे बीत जाने के बाद भी अभी तक दोनों में से किसी की भी लाश नहीं निकाली जा सकी है.