- मृत बच्चों के घर जाने पर भड़के सीएम गहलोत
- बोले- इन्हें राजस्थान की परंपरा के बारे में पता नहीं
राजस्थान कांग्रेस में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट में एक दूसरे पर निशाना साधने का दौर खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है. कोटा में नवजात बच्चों के मरने के मामले में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राजस्थान के उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट पर निशाना साधा है. बता दें कि सचिन पायल और कोटा से बीजेपी सांसद व लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला ये दोनों ही नेता उन परिवारों के घर गए थे, जिनके घर के बच्चों की मौत अस्पताल में हुई थी.
इनके घर जाने को लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि इन लोगों को राजस्थान की परंपरा के बारे में पता नहीं है. गहलोत ने कहा कि जब नवजात बच्चा मरता है, तो उसके माता-पिता को बेहद दुख होता है, परिवार वाले सदमे में रहते हैं. ऐसे में उनके घर जाकर बैठने का तुक नहीं होता है, हम उनके घरों में बैठने जाएं, कभी नहीं होता है.
‘जो राजनीति की गई, वो अनफॉर्च्यून’
सीएम ने कहा कि मैंने आज तक कभी सुना नहीं कि शिशु मृत्युदर के अंदर कोई शिशु मर जाए, नहीं बच पाया और उसके यहां हम बैठने जाएं. सीएम ने कहा कि ये जो राजनीति की गई है, वो अनफॉर्च्यून राजनीति थी.
सीएम गहलोत ने कहा, प्रदेश के अंदर जो स्वास्थ्य सेवाएं हैं वो पूरे मुल्क में नंबर एक पर हो ये मेरा सपना है. इसलिए मैंने कहा आईएमआर, एमएमआर, शिशु मृत्युदर, मातृ मृत्युदर कम होनी चाहिए. मुझे खुशी है कि 20 साल पहले ये 65 था, लेकिन अब शिशु मृत्युदर 38 पर आ गया है, लगातार जो हमने प्रयास किए सरकारें चाहें किसी की रही हों.
‘कोई न कोई इश्यू बनाओ, नॉन-इश्यू को इश्यू बनाओ’
सीएम गहलोत ने कहा, जो शिशु मृत्युदर है वो कम होती जा रही है. उसको एप्रिशिएट करना चाहिए था. उसके बजाय कुछ स्थानीय नेताओं ने अपनी राजनीति चमकाने के लिए, क्योंकि मालूम है कि मोदीजी और अमित शाह जी के खिलाफ हमलोग बोलते हैं, तो किसी को जोधपुर से, किसी को कोटा से, किसी को जयपुर से खड़ा कर रखा है. उनका काम ही यही है कि कोई न कोई इश्यू बनाओ, नॉन-इश्यू को इश्यू बनाओ और मीडिया को ब्रीफ करो, गुमराह करो और उसके लिए बहुत लंबी ट्रायल चली.
सीएम गहलोत ने कहा, पूरे देश के अंदर प्रदेश की बदनामी हुई, मैं समझता हूं कि ये अच्छे संकेत नहीं हैं. ऐसा नहीं होना चाहिए, हां अगर गलती कहीं हुई है, आवश्यक सलाह मिले, मीडिया की ड्यूटी बनती है गलतियों को उजागर करे, सरकार की ड्यूटी है कि अपनी गलतियों को स्वीकार कर कार्रवाई करे, ये मेरा मानना है, मैं इस पर विश्वास करता हूं, पर समझ नहीं आता है कि शिशु मृत्युदर कम होती जा रही है, फिर भी इश्यू बन रहे हैं.