Tuesday, July 1, 2025
HomestatesMadhya Pradeshप्रदेश के बिगड़े वन क्षेत्रों के पुनर्स्थापन के लिए निजी निवेशकों को...

प्रदेश के बिगड़े वन क्षेत्रों के पुनर्स्थापन के लिए निजी निवेशकों को दिया जाएगा जिम्मा -वनमंत्री कुंवर विजय शाह


प्रदेश के बिगड़े वन क्षेत्रों के पुनर्स्थापन के लिए निजी निवेशकों को दिया जाएगा जिम्मा -वनमंत्री कुंवर विजय शाह


 


भोपाल : शनिवार, अक्टूबर 24, 2020, 17:25 IST

वनमंत्री कुंवर विजय शाह ने कहा है कि प्रदेश के बिगड़े वनक्षेत्रों को तेजी से पुनर्स्थापित करने और इनमें सुधार करने के उद्देश्य से वन विभाग द्वारा निजी निवेश को जिम्मा सौंपने की अभिनव पहल की गई है। इसका प्रस्ताव भारत सरकार को भेजकर मंजूरी प्राप्त की जाएगी। मंजूरी के बाद निजी निवेश को आमंत्रित करने की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी।

वनमंत्री कुंवर विजय शाह ने बताया कि प्रदेश में 37420 वर्ग कि.मी. वन क्षेत्र को बिगड़े वन क्षेत्रों के रूप में वर्णीकृत किया गया है। उन्होंने बताया कि निजी निवेश के जरिए बिगड़े वन क्षेत्रों में रहने वाले स्थानीय समुदायों को आजीविकाओं को सुदृढ़ करने के साथ ही जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को अल्पीकरण परिस्थितिकीय सेवाओं जैसे जल चक्र आदि के सतत संचालन के लक्ष्य की प्राप्ति के लिए वन के आच्छादन को बढ़ाया जा सकेगा।

प्रधान मुख्य वन संरक्षक एवं वन बल प्रमुख श्री राजेश श्रीवास्तव ने इस संबंध में प्रदेश के सभी क्षेत्रीय मुख्य वन संरक्षक और क्षेत्रीय वन मण्डल अधिकारियों को दिशा-निर्देश जारी किए है कि सभी वनमण्डल अधिकारी क्षेत्रों का चयन कर निरीक्षण करें और जानकारी तैयार कर मानचित्र समेत एक पखवाड़े में प्रधान कार्यालय अनिवार्य रूप से भिजवाएं।

निजी निवेश क्षेत्रों को सौंपने का यह है मकसद

प्रदेश के बिगड़े वन क्षेत्रों में निजी निवेश की सकारात्मक भूमिका को ध्यान में रखकर इस कार्य को हाथ में लिया जाएगा। इससे बिगड़े वन क्षेत्रों की उत्पादकता में अभिवृद्धि के लक्ष्य की प्राप्ति होगी और वानिकी क्षेत्र में पूंजी निवेश तकनीकी एवं प्रबंधकीय कौशल को बढ़ावा मिलेगा। इस योजना के जरिए अल्पावधि में स्थानीय समुदायों को रोजगार के अवसरों में वृद्धि दीर्घावधि में प्राकृतिक संसाधनों पर आधारित आजीविका सुदृढ़ होगी, काष्ठ आधारित उद्योगों को आयातित कच्चे माल के स्थान पर स्थानीय उत्पाद उपलब्ध कराकर आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य को प्राप्त करने के साथ ही हरियाली आच्छादन से परिस्थितिकीय सेवाओं का सतत संचालन, कार्बन अवशोषण से जलवायु परिवर्तन के अल्पीकरण के लिए राष्ट्र के निर्धारित लक्ष्यों की प्राप्ति में सहयोग करने में भी अग्रणी भूमिका निभायेगा।

क्षेत्रों का ऐसे होगा चयन

प्रथम चरण में प्रत्येक वन मण्डल में अच्छी संभावनाओं वाले कुछ स्थानों का चयन किया जाएगा। क्षेत्र चयन में प्रमुख रूप से वनमण्डल की कार्य-योजना के तहत पुर्नस्थापना कार्य वृत्त में लिए गए आरक्षित या संरक्षित वन क्षेत्र में से ऐसे क्षेत्रों का चयन होगा जिसमें 60 प्रतिशत से अधिक क्षेत्र 0.2 क्षेत्र घनत्व से कम वाले क्षेत्र हों। एक स्थान पर 500 से एक हजार हेक्टेयर निकट के वन क्षेत्र को शामिल कर एक कार्य इकाई का गठन होगा। यथा संभव कार्य इकाई के गठन में चयनित वन कक्ष एक दूसरे से तरीबन 10 किलोमीटर के दायरे में स्थित होने के साथ ही सम्पूर्ण क्षेत्र अतिक्रमण से मुक्त होना चाहिए। वन क्षेत्र के साथ सटी हुई शासकीय राजस्व भूमि होने पर उसे भी शामिल कर प्रस्ताव बनाया जा सकेगा। इसके लिए जिला कलेक्टर की अनुमति आवश्यक होगी।

चयनित वन क्षेत्र में अधिकतर वृक्षारोपण के लिए गहरी और उपयुक्त मृदा जहाँ सिंचाई के लिए पानी का साधन उपलब्ध होगा, ऐसे क्षेत्र को चयन के मामलें में प्राथमिकता दी जाएगी। चयन वन क्षेत्र के सभी सीमा चिन्हों का मौके पर निरीक्षण किया जाएगा और मुनारों की स्थिति को एक मीटर से बेहतर शुद्धता के जीपीएस उपकरण से रिकार्ड किया जाएगा।

यह होगी प्रक्रिया

भारत सरकार से स्वीकृति मिलने के बाद निजी निवेश को आमंत्रित होने के प्रक्रिया शुरू की जाएगी। वन क्षेत्र पर आश्रित समुदाय की सहमति से बिगड़े वनों के सुधार में निजी निवेश से वनीकरण परियोजना को लागू किया जाएगा। अनुबंध अवधि 30 साल के लिए होगी। निजी निवेशक से अनुबंध के तहत प्राप्त होने वाला 50 प्रतिशत हिस्सा राज्य शासन द्वारा ग्राम वन समिति/ ग्राम सभा को दिया जाएगा।


ऋषभ जैन


Source link

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

RECENT COMMENTS

casino online slot depo 10k bonus new member slot bet 100 slot jepang
slot depo 10k slot gacor slot depo 10k slot bet 100