सीहोर: विख्यात कथावाचक पंडित प्रदीप मिश्रा ने विगत दिनों महाराष्ट्र के चाकरवानी में हुई कथा के दौरान भगवान चित्रगुप्त पर की गई अपनी टिप्पणी को लेकर आज सार्वजनिक रूप से माफी मांग ली है। उनकी इस टिप्पणी के बाद कायस्थ समाज द्वारा देशव्यापी विरोध प्रदर्शन किए जा रहे थे, जिसके दबाव में आकर पंडित मिश्रा ने क्षमा याचना की है।
पंडित प्रदीप मिश्रा ने कुबेरेश्वर धाम में पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा, “मेरे किसी कथन से किसी समाज या व्यक्ति को ठेस पहुंची हो या उसका मन दुखा हो तो मैं क्षमा मांगता हूं।”दरअसल, पूरा मामला यह है कि पंडित प्रदीप मिश्रा ने महाराष्ट्र में अपनी कथा के दौरान भगवान चित्रगुप्त के बारे में कथित तौर पर अभद्र भाषा का उपयोग किया था।
इसके बाद प्रदेश के कई शहरों में कायस्थ समाज ने उनके खिलाफ तीव्र विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिए थे। स्थिति तब और बिगड़ गई जब कई साधु-संतों और अन्य कथावाचकों ने भी पंडित प्रदीप मिश्रा के बयान की निंदा करना शुरू कर दिया। मामले को बढ़ता देख पंडित प्रदीप मिश्रा ने आज प्रेस को कुबेरेश्वर धाम बुलाया और अपनी टिप्पणी के लिए माफी मांगी।
जब उनसे बार-बार इस प्रकार की गलतियां दोहराने के बारे में पूछा गया, तो पंडित मिश्रा ने कहा, “जो शास्त्रों में लिखा है वही कहता हूं। सबका कहने का तरीका अलग-अलग होता है, हो सकता है मेरा तरीका कुछ अलग हो जिसके चलते लोगों का मन दुखी हो जाता हो। इस बात के लिए मैं सभी से क्षमा मांगता हूं।”यह देखना होगा कि पंडित मिश्रा की इस माफी के बाद कायस्थ समाज का विरोध शांत होता है या नहीं।