Tuesday, May 21, 2024
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कश्मीर में जल्द शुरू होगी ब्रॉडबैंड सेवा, मोबाइल इंटरनेट पर लगी रहेगी पाबंदी – Jammu kashmir broadband internet low speed mobile internet article 370

  • कश्मीर में जल्द बहाल होंगी इंटरनेट ब्रॉडबैंड सेवाएं
  • कश्मीर में जारी रहेगी मोबाइल इंटरनेट पर पाबंदी

जम्मू और कश्मीर प्रशासन कश्मीर में ब्रॉडबैंड इंटरनेट को बहाल करने की तैयारी कर रहा है. प्रशासन जम्मू में मोबाइल में कम स्पीड वाले इंटरनेट को भी शुरू करने की इजाजत दे सकता है. कश्मीर में मोबाइल इंटरनेट पर फिलहाल पाबंदी लगी रहेगी. प्रशासन इसे लेकर अगले दो से तीन दिन में ऐलान भी कर सकता है.

जम्मू और कश्मीर में धारा 370 को निरस्त किए जाने के बाद से इंटरनेट बंद है. जम्मू और कश्मीर के संवेदनशील इलाकों में आंशिक तौर पर इंटरनेट की बहाली की जाएगी. सूत्रों का कहना है कि प्रशासन घाटी की स्थिति देखने के बाद ही इस विषय पर फैसला करेगा.

इस फैसले की औपचारिक घोषणा केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर के प्रवक्ता रोहित कंसल कर सकते हैं. सूत्रों का यह भी कहना है कि अधिकारी जम्मू क्षेत्र में 2जी इंटरनेट सेवाओं को बहाल कर सकते हैं, वहीं कश्मीर क्षेत्र में ब्रॉडबैंड सेवाओं की आंशिक बहाली की जाएगी. पूरी तरह घाटी में इंटरनेट और फोन सेवाओं की बहाली घाटी की स्थिति सामान्य होने के बाद ही की जाएगी.

5 अगस्त से ही बाधित हैं सेवाएं

केंद्र सरकार ने 5 अगस्त 2019 को जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 को हटा दिया था. राज्य की कानून व्यवस्था न बिगड़े इसलिए सुरक्षा के मद्देनजर घाटी में इंटरनेट सेवाओं पर प्रतिबंध लगाया गया था, साथ ही कुछ इलाकों में फोन सेवाओं को भी रोक दिया गया था.

जम्मू में बहाल है ब्रॉडबैंड सर्विस

केंद्र सरकार ने जम्मू और कश्मीर और लद्दाख को अलग-अलग केंद्र शासित प्रदेश बना दिया था. जम्मू में ब्रॉडबैंड सेवाएं बीते साल अक्टूबर में ही बहाल कर दी गई थीं. संवेदनशील मामले होने की वजह से कश्मीर घाटी के कई जिलों में इंटरनेट पर पाबंदी लगाई गई है. कश्मीर में लैंडलाइन सेवाओं पर भी पाबंदी लगाई गई थी.

सुप्रीम कोर्ट ने सरकार पर की थी तल्ख टिप्पणी

 सुप्रीम कोर्ट ने जम्मू-कश्मीर में लगाई गई तरह-तरह की पाबंदियों को लेकर केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार पर तल्ख टिप्पणी की थी. कोर्ट ने कहा था कि इंटरनेट बैन और धारा 144 तभी लगाया जा सकता है जब उसकी अत्यंत जरूरत हो. साथ ही कोर्ट ने केंद्र सरकार पर तल्ख टिप्पणी करते हुए कहा कि लम्बे समय तक इंटरनेट पर पाबंदी और धारा 144 का लगाया जाना सरकार द्वारा अपनी शक्तियों का दुरुपयोग करने जैसा है.

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