Edited By Somendra Singh | नवभारतटाइम्स.कॉम | Updated:
कोरोना वायरस महामारी से पूरी दुनिया परेशान है और अब तक लाखों लोगों की जान इस वायरस की वजह से जा चुकी है। संक्रमण से बचे रहने और इसकी चपेट में आने के बाद जल्द से जल्द रिकवर होने के लिए जरूरी है कि आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता काफी मजबूत हो। आयुष मंत्रालय और भारत सरकार के द्वारा भी लोगों को रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए काढ़ा पीने की सलाह दी गई है। इस दौरान कई ऐसे लोग हैं जो दिन में जितनी बार मन कर रहा है, उतनी बार काढ़े का सेवन कर रहे हैं।
काढ़े का सेवन करने के कारण कुछ लोगों को विशेष प्रकार की समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है और वह डॉक्टर के पास जा रहे हैं। इन समस्याओं के बारे में आपको भी जानना चाहिए ताकि आप हॉस्पिटल या फिर डॉक्टर के पास जाने से बचे रहें।
किन-किन समस्याओं से जूझ रहे हैं लोग
कोरोना वायरस से बचे रहने के लिए रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करना बहुत जरूरी है और इसके लिए काढ़े का सेवन सकारात्मक रूप से फायदा भी पहुंचाता है। इतना ही नहीं, हॉस्पिटल में भर्ती कई संक्रमित मरीजों को भी तुलसी, काली मिर्च, लौंग आदि से युक्त काढ़े का सेवन कराया जा रहा है और इसके सकारात्मक परिणाम भी देखे गए हैं। इसी बात को जानने के बाद कई लोगों ने दिन और रात में काढ़ा पीने को अपनी आदत में शामिल कर लिया है। ऐसे लोगों को पेट में जलन, आंखों में जलन, मुंह में छाले और अपच की समस्या से भी दो-चार होना पड़ रहा है।
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किन लोगों को हो रही है ज्यादा समस्या
काढ़ा एक आयुर्वेदिक विधि से तैयार होता है जिसके कारण यह त्रिदोष की आशंका भी उत्पन्न कर देता है। त्रिदोष वात, कफ और पित्त से जुड़ा हुआ है। काढ़ा की तासीर या फिर कुछ लोगों का शारीरिक तापमान भी अलग-अलग प्रभाव रखता है। इस कारण अधिक मात्रा में काढ़ा का सेवन पेट में जलन और शरीर में विभिन्न प्रकार की समस्याओं को जन्म दे सकती है।
डॉक्टरों का कहना है कि कई लोग ऐसे हैं जो दिन में 4 से 5 बार अधिक मात्रा में काढ़ा का सेवन कर रहे हैं। इसमें मिलाई गई सामग्री भी गर्म तासीर रखती है। लोगों के द्वारा हर बार काढ़ा पीने के लिए सभी सामग्रियों का इस्तेमाल किया जा रहा है। इसलिए डॉक्टरों ने स्थिति को जानने के बाद यह सुझाव दिया है कि दिन में ज्यादा से ज्यादा तीन बार ही काढ़े का सेवन करें। इस दौरान विशेष ध्यान दें कि गर्म तासीर वाली सामग्री का हर बार एक समान मात्रा में उपयोग न करके अलग-अलग मात्रा में प्रयोग करें।
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आपको बता दें कि रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के लिए लौंग, हरी इलायची, काली मिर्च, दालचीनी, सोंठ, मुनक्का को प्राथमिक रूप से इस्तेमाल किया जा रहा है। कई मरीजों ने इसका सेवन करके ही कोरोना वायरस को हराने में भी जीत हासिल की है। इनमें से कुछ सामग्रियों की तासीर गर्म होती है इसलिए इनका सीमित मात्रा में ही प्रयोग करके काढ़े को तैयार करें। किसी भी प्रकार की जलन आदि महसूस होती है तो बिना देर किए डॉक्टर से संपर्क करें।
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