Friday, March 29, 2024
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मुख्यमंत्री ने दिखाई संवेदनशीलता, हादसे के बाद कार्यक्रम में नहीं कराया स्वागत

  • हादसे में मृतकों के परिजन को 10-10 लाख रुपए और एक व्यक्ति को नौकरी की घोषणा
  • 1309 MSME इकाइयों को 271 करोड़ रुपये की सब्सिडी ट्रांसफर
  • कार्यक्रम में राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने लोगों सिकल सेल के लिए किया जागरूक


उमरियामुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान अक्सर कहते हैं- ‘मध्यप्रदेश मेरा मंदिर है, उसमें रहने वाली जनता मेरी भगवान है और उस मंदिर का पुजारी शिवराज सिंह चौहान है।‘ बुधवार को उन्होंने यह एक बार फिर साबित कर दिया। दरअसल उमरिया जिले में राज्य स्तरीय रोजगार दिवस कार्यक्रम और लाड़ली बहना सम्मेलन आयोजित किया गया था, इससे पहले ही कार्यक्रम में शामिल होने जा रही एक बस हादसे का शिकार हो गई। इस हादसे में तीन लोगों की मौत हो गई। वहीं 20 से ज्यादा लोग घायल हो गए। कार्यक्रम से पहले घायलों से मुलाकात करने के लिए राज्यपाल मंगुभाई पटेल और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान जिला अस्पताल पहुंचे। घायलों से मुलाकात के बाद मुख्यमंत्री कार्यक्रम में पहुंचे, इस दौरान सीएम शिवराज ने संवेदनशीलता की मिसाल पेश करते हुए स्वागत नहीं कराया, इस दौरान उन्होंने दुर्घटना की जानकारी देते हुए मृतकों के परिजन को 10-10 लाख रुपए और एक व्यक्ति को सरकारी नौकरी की घोषणा की। घायलों के संपूर्ण उपचार की नि:शुल्क व्यवस्था सरकार द्वारा की जाएगी। गंभीर घायलों को ₹50 हजार और सामान्य घायलों को ₹10 हजार की राहत राशि दी जाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि संकट की इस घड़ी में हम पीड़ित परिवारों के साथ खड़े हैं। श्री चौहान ने स्थानीय नागरिक मोहन वर्मन के अति गंभीर बीमारी से ग्रस्त दोनों बच्चों के इलाज के निर्देश तत्काल कलेक्टर को दिए।

1309 MSME इकाइयों को 271 करोड़ रुपये की सब्सिडी ट्रांसफर


मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कार्यक्रम में 1 हजार 309 एमएसएमई इकाइयों के उद्यमियों को प्रोत्साहन योजना में सिंगल क्लिक से 271 करोड़ 41 लाख रुपए का अनुदान वितरित किया। मुख्यमंत्री ने बताया कि 2 लाख 26 हजार 647 युवाओं को विभिन्न स्व-रोजगार योजनाओं के लिए 2,114 करोड़ 48 लाख रुपये के लोन और 41 लाख का अनुदान वितरित किया गया है।

बेटियों से मुख्यमंत्री का भावनात्मक लगाव


मुख्यमंत्री ने अपने उद्बोधन में बताया कि- ‘बेटियां बोझ न रहें इसलिए मध्यप्रदेश की गरीब बेटियों के विवाह के लिए भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने मुख्यमंत्री कन्यादान योजना प्रारंभ की। उन्होंने बताया कि- ‘बेटी जन्म लेते ही लखपति हो जाए उसके साथ ही उसकी कॉलेज तक की पढ़ाई के लिए मध्यप्रदेश सरकार व्यवस्था करेगी। आज मध्यप्रदेश में लाड़ली लक्ष्मियों का परिवार 44 लाख 90 हजार हो गया है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि प्रदेश की बहनों-बेटियों का सशक्तिकरण करने के लिए हमने उन्हें पंचायत व स्थानीय निकायों के चुनावों में 50 प्रतिशत आरक्षण की व्यवस्था कर दी। इसके अलावा संपत्ति का पंजीयन बहनों-बेटियों के नाम से कराए जाने पर उन्हें पंजीयन शुल्क में छूट दी गई। अब परिवार की संपत्ति बहनों-बेटियों माताओं के नाम होने से उनका सशक्तिकरण हो गया है। कार्यक्रम में लाड़ली बहना योजना के लिए धन्यवाद की पातियां बहनों की ओर से मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान जी को सौंपी गईं, राखियां भी सौंपीं। मुख्यमंत्री ने प्रदेश की जनजातीय कलाकार पद्मश्री श्रीमती जोधैया बाई बैगा को शाल श्रीफल भेंट कर सम्मानित किया।
उमरिया जिले को मुख्यमंत्री की सौगातें
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कई सौगातें देते हुए कहा कि बिलासपुर में डिग्री कॉलेज प्रारंभ कर दिया जाएगा। वहीं बिनौरा स्वास्थ्य केंद्र का उन्नयन कर दिया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि निपनिया में लिफ्ट इरिगेशन का परीक्षण कराकर तकनीकी दृष्टि से अगर साध्य होगा तो निपनिया में लिफ्ट इरिगेशन की योजना प्रारंभ कर दी जाएगी। वहीं चंदिया रेलवे ब्रिज के लिए रेल मंत्री से चर्चा करने का भरोसा दिलाया। मुख्यमंत्री ने आकाश कोर्ट में प्रतिमा रघुनाथ शाह शंकर शाह जी की प्रतिमा लगाए जाने की घोषणा की।

  • राज्यपाल ने लोगों सिकल सेल के लिए किया जागरूक*
    राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के निर्देश हैं कि देश में वर्ष 2047 के बाद सिकल सेल रोग से पीड़ित कोई भी बच्चा जन्म नहीं ले, इस दिशा में तेजगति से कार्य किया जा रहा है। राज्यपाल ने कहा कि प्रदेश में सिकल सेल रोग उन्मूलन के लिए सक्रियता से कार्य किया जाये। कार्य की सफलता का पैमाना यह है कि स्क्रीनिंग में एक भी सिकल सेल वाहक छूटे नहीं। सभी वाहकों को कार्ड उपलब्ध हो जाए, जिससे वाहक युवक-युवती आपस में विवाह नहीं करें। स्क्रीनिंग की कार्य अवधि ग्रामीणों की सुविधा के अनुसार निर्धारित की जाये। स्क्रीनिंग कार्य की जानकारी का माइक से एनाउंसमेंट कर प्रसार किया जाये। आशा कार्यकर्ताओं को स्क्रीनिंग कार्य का आवश्यक प्रशिक्षण दिया गया है। अभियान के दौरान उनकी सेवा और कौशल का प्रभावी उपयोग किया जाना चाहिए।

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