जांजगीर चांपा जिले के चांपा थाना क्षेत्र की रहने वाली 5 साल की मासूम बच्ची को चाकू दिखाकर उसे डरा धमकाकर घर के पीछे बाड़ी में बने शौचालय में लेजाकर उसके कपड़े को उतारकर बच्ची के प्राइवेट पार्ट पर उंगली डालकर अनाचार करने वाले आरोपी चिमन लाल देवांगन को अपर सत्र न्यायाधीश शैलेंद्र चौहान ने दोषी करार देते हुए,आजीवन कारावास अर्थ शेष प्राकृतिक जीवन काल की सजा सुनाई है। साथ ही 10 हजार रु के अर्थ दण्ड से दण्डित किया गया है। अर्थ दंड की राशि अदा नहीं करने पर 3 माह का अतिरिक्त कारावास की सजा भुगतने का आदेश जारी किया गया है।पास्को लोक अभियोजक चंद्रप्रताप सिंह से मिली जानकारी अनुसार, पीड़िता नाबालिक बच्ची की मां ने चांपा थाने में 12 अप्रैल 2023 को रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि,वह ग्रामीण में निवास करती है। उसके पति के तीन भाई है जो एक ही मकान में अलग अलग निवास करते हैं। उसकी नाबालिक पुत्री जोकि 5 वर्ष की है और नर्सरी में पढाई करती है। 11 अप्रैल 2023 को रात्रि करीबन 7.30 बजे उसने घर में बताया की उसी शाम करीबन 5.45 बजे आरोपी चिमन लाल देवांगन उसे चाकू दिखाकर दर्द हम का कर घर के पीछे कला में बने शौचालय के अंदर ले गया और पहने हुए कपड़े को उतारकर दिया। जहा आरोपी ने मासूम बच्ची के प्राइवेट पार्ट में अपनी उंगली डालकर अनाचार करने और दर्द होने की बात अपनी मां से कही। जिसपर पीड़िता की मां ने घटना की जानकारी अपने पति को दी ,नाबालिक बालिका पीड़िता की मां ने रिपोर्ट दर्ज कराया। आरोपी के विरुद्ध धारा 376,506 भादवि और धारा 6 पास्को एक्ट के तहत अपराध पंजीबद्ध कार आरोपी चिमन लाल देवांगन को गिरफ्तार कर न्यायिक रिमांड पर भेज गया था। विवेचना पूर्ण उपरांत अभियोजन पत्र न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया गया।अभियोजन की ओर से तर्क किया गया की जिस प्रकार से 5 साल की मासूम बच्ची के साथ अनाचार किया गया है वह अत्यंत ही निंदनीय कृत्य किया गया है। बच्चो का शारीरिक शोषण एक गंभीर सामाजिक अपराध है जिस पर उदारता पूर्वक विचार किया जाना संभव नहीं है। जिसपर पर अभियुक्त को कठोर से कठोर दंड से दंडित किया जाए।अपर सत्र न्यायाधीश शैलेंद्र चौहान ने आरोपी को सुनाई आजीवन कारावास अर्थ शेष प्राकृत जीवन काल की सजा..अपर सत्र न्यायाधीश शैलेंद्र चौहान ने अपना फैसला सुनाया कि 5 साल की मासूम बच्ची के साथ अनाचार करने का अभियोजन ने अभियुक्त संदेह से परे प्रमाणित कराया है। यह अत्यंत ही गंभीर प्रकृति का अपराध है। ऐसे अपराधों में किसी भी स्थिति में उदारता पूर्वक विचार किए जाने ना सिर्फ समाज का न्याय से विश्वास उठ जाएगा जो घटक स्थिति होगी अतः प्रकरण की स्थिति अपराध की गंभीरता एवं सामाजिक प्रभाव को देखते हुए। आरोपी चिमन लाल देवांगन उम्र 29 साल को दोषी ठहराते हुए पास्को एक्ट की धारा 6 के अपराध के लिए आजीवन कारावास अर्था शेष प्राकृत जीवन कालऔर 10 हजार रू के अर्थ दण्ड की सजा सुनाई गई है। आरोपी के द्वारा अर्थ दण्ड की राशि जमा नहीं किए जाने पर 3 माह का साधारण कारावास से दंडित किए जाने का आदेश जारी किया है।