नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक का कहना है कि अब जब पूरा खर्च केंद्र सरकार उठाएगी तो फिर राज्य सरकार को विधायक निधि वापस कर देनी चाहिए.
Corona टीकाकरण मुफ्त में करवाने की जिम्मेदारी केंद्र सरकार के लेने के बाद छत्तीसगढ़ में बीजेपी विधायकों ने निधि का पैसा वापस लौटाने की मांगी की. इस मांग का अब कांग्रेस कर रही है विरोध.
रायपुर. कोरोना टीकाकरण मुफ्त में हो इस बात की जिम्मेदारी केंद्र सरकार की ओर से लेने के बाद अब छत्तीसगढ़ में एक नई तकरार शरू हो गई है. ये तकरार विधायक और सांसद निधि को लेकर है. 18 से 45 साल तक के लोगों को कोरोना की मुफ्त डोज दिए जाने को लेकर राज्य सरकार ने विधायक निधि को रोका था. लेकिन अब जब केंद्र ने टीकाकरण की जिम्मेदारी ली है तो विधायकों ने निधि लौटाने को लेकर आवाज उठाई है. इसी के जवाब में कांग्रेस ने कहा है कि पहले वे प्रधानमंत्री से सांसद निधि को वापस दिलवा दें फिर विधायक निधि लौटाने की बात कहें.
बीजेपी विधायकों ने उठाई आवाज
विधायक निधि को वापस लौटाने की आवाज बीजेपी के विधायकों ने उठाई है. नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक का कहना है कि अब जब पूरा खर्च केंद्र सरकार उठाएगी तो फिर राज्य सरकार को विधायक निधि वापस कर देनी चाहिए. इस बात पर कांग्रेस ने भी जवाब दिया और मामला तकरार तक पहुंचता दिखा. संसदीय कार्य मंत्री रविंद्र चौबे ने कहा कि अभी इसकी शुरुआत नहीं हुई है. भविष्य में इस पर विचार किया जाएगा. हालांकि उन्होंने तंज कसते हुए ये भी कहा कि सांसद निधि पिछले दो साल से जब्त है बीजेपी के नेताओं को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इस बात के लिए धन्यवाद देते हुए पहले सांसद निधि के लिए आवाज उठानी चाहिए.
पीएम जब्त करें तो अच्छा लगता हैचौबे ने कहा कि इस बारे में छत्तीसगढ़ के बीजेपी सांसद कुछ नहीं बोलते हैं. मोदीजी राशि जब्त करें तो बीजेपी सांसदों को अच्छा लगता है. बीजेपी के नेताओं को पहले सांसद निधि को वापस मांगना चाहिए. उन्होंने कहा कि जो लोग ये कह रहे हैं कि निधि को क्षेत्र के विकास में खर्च करेंगे वे ये बताएं कि सांसद निधि कहां खर्च की जाती है, वो भी तो क्षेत्र के विकास में ही खर्च की जाती है. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने छत्तीसगढ़ की जनता की भलाई के लिए ही यह कदम उठाया था. मुझे समझ नहीं आता कि देश की भाजपा और प्रदेश की भाजपा की सोच में इतना अंतर क्यों है.