महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग के गर्भगृह में 25 मार्च की सुबह भस्मारती के दौरान आग की घटना के बाद मुंबई से फॉरेंसिक फायर विशेषज्ञों की टीम पहुंची। टीम में शामिल दो सदस्यों ने गर्भगृह के बाहर व नंदी हॉल और अन्य स्थानों पर नपती की। मोबाइल पर कुछ नोट्स भी बनाए। टीम दो दिन बाद उज्जैन कलेक्टर को अपनी रिपोर्ट सौंपेगी।
दरअसल मुंबई से आई फॉरेंसिक फायर विशेषज्ञों की टीम बुधवार को महाकाल मंदिर पहुंची। इस बात की पुष्टि जिला कलेक्टर नीरज कुमार सिंह ने गुरुवार को की। सुबह भस्म आरती से लेकर शाम तक मंदिर के गर्भ गृह, नंदी हाल गणेश मंडपम, कार्तिकेय मंडपम, टनल, सभा मंडप में जाकर टीम ने एक एक कोने पर इंच टेप से नपती कर मंदिर के इन हिस्सों में एक बार में कितने लोगो को रहना चाहिए, कितने लोग खड़े रह सकते है साथ ही इमरजेंसी में श्रद्धालुओं के बाहर निकलने और आग से बचने के क्या क्या उपाय हो सकते है इस पर दिन भर जांच की। फायर सेफ्टी के मुम्बई से अधिकारी निलेश उकुंडे ने बताया कि टीम दूसरी बार आई है इससे पहले आग कैसे लगी ये जांचने आई थी। इस बार महाकाल मंदिर में सुरक्षा के क्या क्या उपाय करने है इसकी स्टडी कर रहे है। टीम अपनी जांच रिपोर्ट दो दिन में उज्जैन कलेक्टर को सौपेगी।
बाइट–नीरज कुमार सिंह, कलेक्टर