वॉशिंगटन: अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव के नतीजों को डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) अभी तक स्वीकार नहीं कर पाए हैं. शायद यही वजह है कि उन्होंने राष्ट्रपति पद के लिए निर्वाचित जो बाइडेन (Joe Biden) को दैनिक आधार पर मिलने वाली अति संवेदनशील खुफिया जानकारी तक पहुंच अभी तक नहीं दी है.
हालांकि अमेरिका (America) में साल 2000 के राष्ट्रपति चुनाव में भी मामला कुछ ऐसा ही था, जैसे आज फंसा हुआ है. लेकिन तब निवर्तमान राष्ट्रपति बिल क्लिंटन ने फैसला किया कि नवनिर्वाचित राष्ट्रपति और तब गवर्नर पद पर कार्यरत जॉर्ज डब्ल्यू बुश से भी रोजाना मिलने वाली देश की सबसे संवेदनशील खुफिया जानकारी साझा की जाए.
ट्रंप अपना मन बदलेंगे?
क्लिंटन एक डेमोक्रेट नेता थे और उप राष्ट्रपति अल गोर रिपब्लिकन उम्मीदवार बुश के खिलाफ चुनाव लड़े थे. गोर की पहुंच गत आठ साल से ‘प्रेसीडेंट डेली ब्रीफ’ तक थी. क्लिंटन ने बुश को जीतने पर उन्हें इसके लिए अधिकृत करने का फैसला किया.
लेकिन आज साल 2020 की बात करें तो राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) ने क्लिंटन के उदाहरण का पालन नहीं किया है. अभी तक चुनाव परिणाम को स्वीकार नहीं करने वाले ट्रंप ने राष्ट्रपति पद के लिए निर्वाचित जो बाइडेन (Joe Biden) को दैनिक आधार पर मिलने वाली अति संवेदनशील खुफिया जानकारी तक पहुंच नहीं दी है.
राष्ट्रीय सुरक्षा और खुफिया विशेषज्ञों को उम्मीद है कि ट्रंप अपना मन बदलेंगे, ताकि अगला राष्ट्रपति पहले दिन से राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े किसी भी मुद्दों का सामना करने के लिए पूरी तरह से तैयार रहें. इसके लिए यह बेहद आवश्यक है.
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‘अमेरिका के विरोधी इसका लाभ उठा सकते हैं‘
मिशिगन के पूर्व रिपब्लिकन प्रतिनिधि माइक रोजर्स, जो सदन की खुफिया समिति के अध्यक्ष भी हैं. उन्होंने कहा, ‘हमारे विरोधी सत्ता हस्तांतरण का इंतजार नहीं कर रहे हैं.’
उन्होंने कहा, ‘जो बाइडेन को आज से राष्ट्रपति के दैनिक खुफिया विवरण की जानकारी मिलनी चाहिए. उन्हें यह जानने की जरूरत है कि नवीनतम खतरे क्या हैं और इसके बाद अपनी योजना शुरू करें. यह कोई राजनीति का मामला नहीं है, बल्कि यह राष्ट्रीय सुरक्षा का मामला है. अमेरिका के विरोधी इसका लाभ उठा सकते हैं और प्रमुख विदेशी मुद्दों पर इसका असर पड़ेगा, जब बाइडेन अपना काम शुरू करेंगे.
विदेशी मामलों और राष्ट्रीय सुरक्षा में बाइडेन के पास दशकों का अनुभव
विदेशी मामलों और राष्ट्रीय सुरक्षा में बाइडेन के पास दशकों का अनुभव है, लेकिन इनसे जुड़ी नवीनतम जानकारी उनके पास नहीं है.
हालांकि बाइडेन पीडीबी की जानकारी मिलने में देरी के महत्व को कमतर आंक रहे हैं.
बाइडेन ने मंगलवार को कहा, ‘जाहिर है पीडीबी उपयोगी होगा लेकिन, यह उतना आवश्यक नहीं है.’
उन्होंने इस बारे में पूछे गए एक सवाल का जवाब नहीं दिया कि क्या उन्होंने इस या किसी अन्य ने मुद्दे पर खुद ट्रंप से संपर्क करने की कोशिश की, जिसपर उन्होंने केवल इतना कहा, “राष्ट्रपति महोदय, मैं आपके साथ बात करने के लिए उत्सुक हूं.’
बाइडेन ने कहा, “देखिए, खुफिया जानकारी तक पहुंच उपयोगी है, लेकिन मैं वैसे भी इन मुद्दों पर कोई निर्णय लेने की स्थिति में नहीं हूं.’
इनपुट: भाषा
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